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बिहार के इस जिले में नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग के नाम पर किया जा रहा फरेब, लुट रहे विद्यार्थी

नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग कोर्स संचालक अपना रहे हथकंडे शिक्षा मंत्री के ट््वीट का दे रहे हैं हवाला। नए सत्र में नामांकन के लिए कोचिंग संस्थान व एनजीओ संचालक जगह-जगह लगा रहे पोस्टर। कोर्स की मान्यता और कक्षा संचालन की सही जानकारी नहीं दे रहे हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 06:31 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 06:31 AM (IST)
बिहार के इस जिले में नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग के नाम पर किया जा रहा फरेब, लुट रहे विद्यार्थी
एनटीटी कोर्स को किसी भी सरकारी संस्थान से मान्यता ही नहीं है। प्रतीकात्मक फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग (एनटीटी) कोर्स को लेकर छात्र-छात्राओं में भ्रम फैलाया जा रहा है। डिग्री की मान्यता नहीं होने के बावजूद विभिन्न संस्थानों में नामांकन का फरेब किया जा रहा है और हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। कोर्स का संचालन कालेजों के अलावा कोचिंग संस्थान और एनजीओ के माध्यम से भी किया जा रहा है। एनटीटी कोर्स संचालक शिक्षा मंत्री के ट्वीटर पर किए गए पोस्ट का हवाला देकर और अपने पोस्टरों के जरिए विद्यार्थियों को नामांकन के लिए आने को प्रेरित तो कर रहे, लेकिन कोर्स की मान्यता और कक्षा संचालन की सही जानकारी नहीं दे रहे हैं।

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नामांकन को लेकर भ्रामक प्रचार-प्रसार

पिछले सत्र के अभ्यर्थियों की परीक्षा का ही अबतक कोई अता-पता नहीं है। एनटीटी की मान्यता संदेह के घेरे में है। ऐसे में पिछले सत्र में नामांकित अभ्यर्थी परेशान हैं। वहीं नए सत्र में नामांकन को लेकर संस्थानों ने भ्रामक प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। इसमें दो अप्रैल को एलएस और आरबीबीएम कालेज में सूबे के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की ओर से किए गए शुभारंभ संबंधी उनके ट्वीटर पोस्ट को दिखाया जा रहा है।

कक्षाओं का नहीं होता संचालन, वसूल ली फीस

अभ्यर्थियों को नामांकन के समय यह झांसा दिया गया कि नियमित कक्षाएं चलेंगी। कई कालेजों में प्राचार्य ने संस्थान के बैनर का उपयोग कर निजी संस्थानों में अभ्यर्थियों का नामांकन करा दिया। इनकी कक्षाएं संचालित नहीं हो रही हैं। उस समय अभ्यर्थियों को यह झांसा दिया गया कि कोर्स करने के बाद उन्हें आंगनबाड़ी में सेविका और प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का मौका मिलेगा, लेकिन एनटीटी कोर्स को किसी भी सरकारी संस्थान से मान्यता ही नहीं है। ऐसे में डिग्री मान्य नहीं होंगी।  

कम उम्र में हो रही शादी रोकी, बांड पर छोड़ा

मुशहरी, संस : चाइल्ड लाइन ने एसडीओ पूर्वी ज्ञान प्रकाश को मणिका विशुनपुर चांद गांव में कम उम्र में लड़के की शादी होने की बात बताई। इस पर एसडीओ पूर्वी ने राजस्व अधिकारी कुमार रवि और थानाध्यक्ष शशिभूषण कुमार को तुरंत संज्ञान लेने को कहा। दोनों अधिकारियों ने लड़के, उसके पिता समेत जिस लड़की से उसकी शादी होने थी उसके पिता को थाने पर लाए। यहां आरओ, थानाध्यक्ष व अवर निरीक्षक चांदनी कुमारी सांवरिया ने सभी को समझाया। सर्टिफिकेट में लड़की व लड़के की उम्र 19 वर्ष मिली। इस पर सभी मान गए। दोनों पक्षों से पुलिस ने शादी नहीं करने संबंधित बांड बनवाकर सभी को छोड़ दिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि शादी रोक दी गई है।


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