बरसात में टापू बन जाता है यह गांव
मुजफ्फरपुर। मैं बगहा प्रखंड के यमुनापुर टड़वलिया पंचायत का ¨सगाड़ी गांव हूं। वैसे तो बगहा स्टेशन से मे
मुजफ्फरपुर। मैं बगहा प्रखंड के यमुनापुर टड़वलिया पंचायत का ¨सगाड़ी गांव हूं। वैसे तो बगहा स्टेशन से मेरी दूरी मात्र बारह किलोमीटर है लेकिन यह बरसात के दिनों में बढ़कर बीस किलोमीटर हो जाता है। यह बानगी मात्र है मेरे पिछड़ेपन का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। जहां दलित महादलित की संख्या अधिक है जो सिर्फ खेती और मजदूरी पर आश्रित हैं। इनमें अधिकांश परिवार भूमिहीन हैं। स्वच्छता अभियान यहां दम तोड़ता दिखता है जब ग्रामीण खुले में शौच को जाते हैं। घनी आबादी में नाली की कमी के कारण जल जमाव की समस्या रहती है। बरसात की बात अलग अन्य दिनों में भी बजबजाती नाली यहां की मुख्य समस्या है। बरसात के दिनों में घूटने से लेकर कमर तक पानी जमा हो जाता है। कई महीनों से राशन केरासिन की कमी से हमारे लोग जुझते हुए अपना भरण पोषण कर रहे हैं। गांव में सड़क की स्थिति यह है कि मुख्य मार्ग की करीब 25 वर्षो से मरम्मत नहीं हुई है। यह पूरी तरह से गड्ढे में तब्दील हो चुका है। कुछ सड़कों का पक्कीकरण हुआ। नल-जल योजना और नाली शौचालय निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। स्वच्छ पेयजल का अरमान मन में ही दफन हो रहा है। बरसात में मैं टापू बन जाता हूं। लोगों को पंचगांवा से होकर आना-जाना पड़ता है। जिससे बारह के बदले बीस किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। लगी चौपाल, स्थानीय समस्याओं पर चर्चा :-
शुक्रवार को स्थानीय समाजसेवी उपेन्द्र दीक्षित की अध्यक्षता में ग्रामीणों की चौपाल लगी। जिसमें समस्याओं पर चर्चा के बाद निदान के ¨बदु पर विचार विमर्श किया गया। ग्रामीणों ने सर्व सम्मति से पिछड़ेपन के खिलाफ आवाज उठाने व मिलजुल कर संघर्ष करने का संकल्प लिया। कहा कि जबतक विकास कार्यो को गति नहीं मिलती, आंदोलन जारी रहेगा।
यमुनापुर मुखिया राम विलास सिंह ने बताया कि गांव में मिट्टी भराई कर ईंट सो¨लग किया जा रहा है। सभी सड़कों के ईंटीकरण की तैयारी है। नल जल का काम भी शुरू कर दिया गया है। शौचालय निर्माण की प्रक्रिया चल रही है जल्द ही उसकी शुरुआत होगी।