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मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी स्कूलों के 10वीं के 73 प्रतिशत बच्चों को विज्ञान की सामान्य जानकारी नहीं

सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की क्षमता का आकलन के लिए किया गया सर्वे। 61 स्कूल 279 शिक्षकों और 715 विद्यार्थियों को नेशनल एचीवमेंट सर्वे में किया गया शामिल। दसवीं के विद्यार्थियों का पांच विषयों में जानकारी के आधार पर किया गया मूल्यांकन।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 13 Jun 2022 10:43 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jun 2022 10:43 AM (IST)
मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी स्कूलों के 10वीं के 73 प्रतिशत बच्चों को विज्ञान की सामान्य जानकारी नहीं
इन बच्चों में पाठ्यक्रम के अनुसार समझने की क्षमता विकसित नहीं है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, [अंकित कुमार]। जिले के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले दसवीं कक्षा के 73 प्रतिशत बच्चों को विज्ञान की सामान्य जानकारी भी नहीं है। 64 प्रतिशत बच्चों में सामाजिक विज्ञान की समझ सामान्य स्तर से कम है। भारतीय भाषाओं की समझ में 57 प्रतिशत बच्चे कमजोर हैं। वहीं गणित में 28 व अंग्रेजी में जिले के 29 प्रतिशत बच्चे कमजोर हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी नेशनल अचीवमेंट सर्वे की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। बताया गया है कि इन बच्चों में पाठ्यक्रम के अनुसार समझने की क्षमता विकसित नहीं है। सलाह दी गई है कि इन बच्चों को प्रत्येक स्तर पर समझने की क्षमता विकसित करने के लिए प्रयास करना होगा। वहीं शिक्षकों व अभिभावकों को भी अतिरिक्त प्रोत्साहन और सहयोग देना होगा।

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अंग्रेजी में 21 प्रतिशत बच्चों को पाठ्यक्रम से बेहतर जानकारी

रोजगार और उच्च शिक्षा में अंग्रेजी का बोलबाला देख जिले के बच्चे उस ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसका परिणाम है कि 10वीं के 21 प्रतिशत बच्चों को अग्रेजी में एडवांस स्तर की जानकारी है। 29 प्रतिशत बच्चे प्रोफिसिएंट और 20 प्रतिशत बच्चे सामान्य स्तर की अंग्रेजी जानते हैं। वहीं भारतीय अन्य भाषाओं के प्रति बच्चों का रुझान कम दिख रहा है। 57 प्रतिशत बच्चों को इसकी सामान्य जानकारी भी नहीं है। 31 प्रतिशत बच्चे सामान्य व 13 प्रतिशत बच्चे प्रोफिसिएंट की श्रेणी में आते हैं।

विषय, सामान्य से कम, सामान्य, प्रोफिशिएंट, एडवांस

विज्ञान, 73, 16, 09, 02

सामाजिक विज्ञान, 64, 17, 14, 04

एमआइएल, 57, 31, 13, 00

गणित, 28, 43, 20, 09

अंग्रेजी, 29, 20, 29, 21

(आंकड़े प्रतिशत में)

बच्चों में कम हुई सोचने व प्रयोग करने की शक्ति

विज्ञान के विशेषज्ञ और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक डा. फुलगेन पूर्वे ने कहा कि नेशनल एचीवमेंट सर्वे में बच्चों की समझ कम होने के पीछे सोचने व प्रयोग की ओर जोर नहीं देना बड़ी वजह है। आज बच्चे और अभिभावक समझने की जगह अंकों के ग्राफ को बेहतर करने पर जोर दे रहे हैं। विज्ञान प्रयोग का विषय है, लेकिन इसमें भी रटकर किसी तरह अधिक अंक लाने की होड़ मची हुई है। ऐसे में इस विषय में लगातार जानकारी का अभाव दिख रहा है। बच्चों के बीच शोध और प्रयोग की प्रवृति लानी होगी।

गणित में बच्चों का प्रदर्शन तभी बेहतर जब होगी सामान्य जानकारी

उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मुशहरी फार्म के शिक्षक ओमप्रकाश कहते हैं कि गणित में बच्चों का प्रदर्शन तभी बेहतर हो सकेगा जब उन्हें सामान्य जानकारी होगी। कमजोर बच्चों को चिह्नित कर उनके लिए अलग से कक्षाओं का संचालन, पिछली कक्षाओं के पाठ्यपुस्तक की जानकारी देनी होगी। बच्चों को भी चाहिए कि रटने की जगह सवालों को समझकर, फार्मूला व कंसेप्ट के अनुसार गणित के सवालों को हल करें।


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