हर हाल में 15 तक खाली करनी होगी जमीन, मुजफ्फरपुर में क्यों दिया गया यह आदेश?
भू-अर्जन कार्यालय ने भू-धारियों को 27 जनवरी को कागजात के साथ बुलाया है। कई जमीन पर मुआवजा का पेच इसलिए फंसा है कि इसके कागजात नहीं हैं। इसे देखते हुए जिनके पास जमीन के कागजात होंगे उन्हें मुआवजा का भुगतान होगा।
मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के निर्माण की बाधा को समाप्त करने की प्रशासनिक कार्रवाई शुरू हो गई है। इस क्रम में जिले को नेपाल से जोडऩे वाले मझौली-चोरौत राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच527 सी) के निर्माण में भू-अर्जन की बाधा खत्म करने के लिए भू-धारियों को मुआवजे का अल्टीमेटम दिया गया है। ऐसे 37 भूधारियों को 15 फरवरी तक हर हाल में अधिग्रहण की गई जमीन निर्माण एजेंसी को सौंपना होगा। जिला भू- अर्जन कार्यालय ने मुआवजा नहीं लेने वाले इन भू-धारियों को नोटिस भेजा है।
भू-अर्जन कार्यालय ने भू-धारियों को 27 जनवरी को कागजात के साथ बुलाया है। कई जमीन पर मुआवजा का पेच इसलिए फंसा है कि इसके कागजात नहीं हैं। इसे देखते हुए जिनके पास जमीन के कागजात होंगे उन्हें मुआवजा का भुगतान होगा। कागजात जमा नहीं होने की स्थिति में राशि न्यायालय में जमा कर दी जाएगी। मालूम हो कि इस महत्वपूर्ण एनएच के अलाइनमेंट में स्कूल एवं धर्मस्थलों के आने से निर्माण कार्य रूक गया था। साथ ही मुआवजे की भी बाधा रही। इसके लिए जिले के 22 राजस्व ग्राम की जमीन का अधिग्रहित की गई है। इसके मुआवजा के लिए 196 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है।
कोविड टीकाकरण की गलत रिपोर्ट सौंपने में पांच स्कूल के प्रधानाध्यापकों से जवाब तलब
मुजफ्फरपुर : कोरोना से बचाव को लेकर 15 से 18 वर्ष के विद्यार्थियों को वैक्सीन दी जा रही है। स्कूल के प्रधानाध्यपकों को जिम्मा दिया गया है कि वे अपने स्कूल के विद्यार्थियों का शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराएं। जिले के पांच स्कूल के प्रधानाध्यपकों की ओर से 100 प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने की गलत रिपोर्ट भेज दी गई। डीईओ की जांच में मामला पकड़ में आया है। बताया गया कि साहेबगंज के उमावि अहियापुर, साहेबगंज, उमावि माधोपुर हजारी बाजार, साहेबगंज,उमावि महदेइया मठ,उमावि रामपुर भिखनपुरा नं-1, उमावि रामपुर भिखनपुरा नं- 2 की ओर से गलत रिपोर्ट भेजी गई है। इनके प्रधानाध्यपकों से स्पष्टीकरण पूछा गया है। बताया गया कि साहेबगंज प्रखंड के पांच हाई स्कूलों के प्रधानाध्यपकों ने बीईओ को 100 प्रतिशत टीकाकरण संबंधी गलत प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया था।