नाबालिग से दुष्कर्म मामले में इमाम को दस वर्ष का कारावास Muzaffarpur News
कारावास के साथ 50-50 हजार का जुर्माना देने का भी आदेश। लगभग तीन साल में आया न्यायालय का फैसला।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पश्चिम चंपारण में नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले की सुनवाई पूरी करते हुए अपर जिला सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश दिग्विजय कुमार ने कांड के अभियुक्त लौरिया थाना क्षेत्र के बगही मस्जिद के इमाम सौहेब आलम को दोषी पाया। शुक्रवार को सजा के बिन्दु पर बहस के बाद न्यायाधीश ने दोषी अभियुक्त सोहैब आलम को धारा 366 तथा पॉक्सो एक्ट में दस-दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। दोनों धाराओं में 50-50 हजार यानी कुल एक लाख रुपया जुर्माना देने का भी आदेश दिया है।
सुनाए गए फैसले में न्यायाधीश ने कहा है कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। साथ ही जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर सोहैब को दो साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। जुर्माने की 50 फीसद राशि पीडि़ता के परिवार को मिलेगी।
पॉक्सो एक्ट के विशेष लोक अभियोजक वेदप्रकाश द्विवेदी ने बताया कि कांड के सूचक पीडि़त लड़की के पिता हैं। सजायाफ्ता सोहैब आलम बगही गांव के मस्जिद का इमाम था। वहां वह मदरसा में बच्चों को भी पढ़ाता था। सोहैब लड़की के घर पर ही रहता था। 16 जून 2016 की रात्रि लड़की गायब हो गई। खोजबीन करने पर रामनगर के सबेया निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि बाइक पर सोहैब आलम को लड़की एवं एक अन्य व्यक्ति के साथ जाते देखा है। सोहैब के घर पर पूछताछ करने पर उसके परिवार वालों ने खुलासा किया कि वह लड़की को लाया था और निकाह करने की बात कह रहा था।
यह भी मालूम हुआ कि सोहैब आलम शिकारपुर के चानकी गांव स्थित अपने बहनोई बागड़ मियां के घर है, लेकिन वहां भी लड़की का पता नहीं चला। घटना के पंद्रह दिन बाद लौरिया पुलिस ने अपहृत लड़की को लौरिया बाजार में पाया और उसके पिता को सौंपा। पुलिस ने लड़की का बयान न्यायालय में कराया। उसने खुलासा किया कि सोहैब आलम ने उसका अपहरण किया था। बाहर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।