उफनाई गंडक तो फिर बाढ़ मचाएगी तबाही
बूढ़ी गंडक उफनाई तो क्षेत्र में इस बार भी 20 पंचायतों में बाढ़ तबाही मचाएगी। कारण बनेगी विभाग की उदासीनता और लापरवाही।
मुजफ्फरपुर। बूढ़ी गंडक उफनाई तो क्षेत्र में इस बार भी 20 पंचायतों में बाढ़ तबाही मचाएगी। कारण बनेगी विभाग की उदासीनता और लापरवाही। समय रहते तटबंधों की सही तरीके से मरम्मत भी नहीं कराई जा सकी है और ऐसा ही हाल स्लूस गेटों का भी है। इससे विगत वर्ष की बाढ़ की तबाही झेल चुके लोग इस बार भी सशंकित हैं। उनका कहना है कि इस बार भी बाढ़ जरूर आएगी। जल संसाधन विभाग की नींद साल मे एक या दो बार टूटती है। समय रहते अधिकारी नहीं चेतते हैं। वहीं जब बाढ़ दस्तक देती है तो सक्रिय हो जाते हैं। उस समय किसी तरह लोगों की जान बचाना जरूरी रहता है। रेन कट से लेकर अन्य कटाव व बचावरोधी काम शुरू होता है।
कई जगह तटबंध की स्थिति खराब
तटबंध की वर्तमान स्थिति काफी खराब है। सिकन्दरपुर से लेकर कोठियां, राजबाड़ा, बुधनगरा, डुमरी, बिंदा, नरौली, सलहा, बैकटपुर, दरधा तक दो दर्जन से अधिक जगहों पर इसकी स्थिति काफी खराब है।
नहीं भरे रेन कट, स्लूस गेटों पर काम जारी
अभी तक रेन कट को नहीं भरा जा सका है। वहीं कुछ जगह स्लूस गेटो की मरम्मत का काम चल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि कार्य मानक के अनुरूप नहीं हो रहा है, सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है।
नहीं सह पाएगा पानी का दबाव
टूटे तटबंध की बात करें तो टेनी बांध बना दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पानी का दबाव नहीं सह पाएगा। कारण इसमें मिट्टी कम बालू अधिक होना। विगत वर्ष जिस स्थल पर बांध टूटा था वहां मौजूद दीपशिखा कंस्ट्रक्सन कंपनी के पंकज सिंह ने बताया कि जो लोग कह रहे गलत है। बालू से नहीं दोमट मिट्टी से इसे भरा गया है। इस स्थल पर किसी भी हाल में ये नहीं टूटेगा। बांध के किनारे नीचे जीओ बैग रखा जा रहा है। उसमें बालू भरी गई है। स्लोप पिचिंग की गई है।
बांध में छेद
इधर सबसे खराब स्थिति कोठियां विषहर स्थान, बुधनगरा, बिंदा, सलहा की है। यहां बांध में आरपार छेद है।
बोले लोग- कागजों पर ही हो रहा काम
पंसस राधे सहनी, शंभू सहनी, पंकज मिश्रा, सोनेलाल राम, विश्वनाथ ठाकुर, संजय भगत, राजेंद्र राय आदि ने कहा कि इस बार बाढ़ आना तय है। इससे बचाव के लिए विभाग ने अब तक कोई तैयारी नहीं की है। सिर्फ कागजो पर यहां से प्रतिवेदन अधिकारी भेजकर कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे हैं। 30 जून तक रजवाड़ा बांध का निर्माण पूरा हो जाएगा। पैचेज की भी मरम्मत कराई जा रही है।
-राजीव रंजन, कार्यपालक अभियंता जल संसाधन विभाग