मुझे कुछ कहना है..मुझे कुछ कहना है, पहले आप..कहते-कहते चुप हो गए हिंदी सिनेमा जगत के 'बॉबी'
ऋषि कपूर ने फूल खिले हैं गुलशन-गुलशन पति पत्नी और वो नया दौर दूसरा आदमी अमर अकबर एन्थोनी चला मुरारी हीरो बनने लैला मज़नू बॉबी यादों की बारात आदि में शानदार अभिनय किया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। हिंदी सिनेमा जगत के लिए यह सप्ताह बहुत खराब साबित हो रहा। पहले एक्टर इरफान खान और उसके बाद अाज ऋषि कपूर भी जिंदगी की जंग हार गए। इससे पूरा देश स्तब्ध है। उन्होंने फूल खिले हैं गुलशन-गुलशन, पति पत्नी और वो, नया दौर, दूसरा आदमी, अमर अकबर एन्थोनी, चला मुरारी हीरो बनने, लैला मज़नू, बॉबी, यादों की बारात जैसी कई फिल्मों में यादगार अभिनय किया था। हमलोगों में अधिकांश के पास उनसे जुड़ी कोई न कोई यादें हैं। पाठकों ने jagran.com से इसे साझा कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
रुपौली,सरैया निवासी आशीष राजपूत कहते हैं कि यह सप्ताह बॉलीवुड के लिए काफी खराब साबित होता दिख रहा है। ऋषि कपूर का जाना दुखद है। उनका कॅरियर हिंदी फिल्म के विकास की दास्तां है। उन्होंने अभिनय को एक अलग रंग दिया। भगवान उनकी आत्म को शांति दे।
बोअरिया,मोतीपुर के सामाजिक कार्यकर्ता नितेश सिंह कश्यप ने सागर फ़िल्म के इस गाने के साथ उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। कहते हैं कि चेहरा है या चांद खिला, जुल्फ घनेरी शाम है क्या, सागर जैसी आंखों वाली ये तो बता तेरा नाम है क्या...।
सिकंदरपुर के विकास कुमार ने कहा कि ऋषि कपूर हिंदी फिल्म जगत के शानदार अभिनेता थे। उन्होंने बॉबी, प्रेम रोग जैसी फिल्मों में शानदार अभिनय कर एक अलग पहचान बनाई थी। उनका इस तरह से अचानक जाना दुखद है।
मीनापुर के युवा भाजपा अध्यक्ष राजा बाबू कहते हैं कि ऋषि कपूर की शेषनाग फिल्म मुझे बहुत अच्छी लगी। उन्होंने अपने अभिनय से हम युवाओं को हर समय प्रेरित किया है। एक बेहतरीन कलाकार के निधन से सभी दुखी हैं। भगवान उन्हें स्वर्ग में जगह दें। यही प्रार्थना है।
पताही,मुजफ्फरपुर के आतिश कुमार कहते हैं कि बॉलीवुड ने बुधवार को देश के एक चहेते एक्टर को खोया और आज एक महानायक को। ऋषि कपूर सदाबहार, हरफनमौला, जिंदादिल और बेहतर इंसान थे। उनका जाना देश के एक धरोहर का चला जाना है। इस कमी को कभी पूर्ण नहीं किया जा सकता।
एबीवीपी, एलएस कॉलेज के अध्यक्ष प्रणब प्रत्युष ने अलग अंदाज में ऋषि कपूर को श्रद्धांजलि अर्पित की। कहते हैं जिसने अकबर बनकर हमें एकता का पाठ पढ़ाया,मजनूं बनकर सबको प्यार करना सिखाया, राजू बनकर हंसाया उनको भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
सोहांसी, देवरिया, मुजफ्फरपुर के प्रेम शंकर कहते हैं कि ऋषि कपूर एक अच्छे अभिनेता थे। मैंने उनकी कई फिल्में देखी हैं। कुछ को तो बार-बार देखने को दिल चाहता है। जैसे प्रेम रोग, अमर अकबर एंथनी, दामिनी, चांदनी आदि। उन्हें श्रद्धांजलि।
सोहिजन ,मुजफ्फरपुर के मनमोहन झा ने कहा कि कोरोना त्रासदी के बीच इस तरह की खबर से मन दुखी हो गया है। इरफान खान के बाद ऋषि कपूर का जाना दुखद है। उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
सिकंदरपुर, मुजफ्फरपुर के अभिषेक पराशर कहते हैं कि बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता ऋषि कपूर के निधन की खबर से आहत महसूस कर रहा हूं। हमलोगों ने दो दिनों में बॉलीवुड ने दो मशहूर अभिनेताओं को खो दिया। वाकई दिल को तोड़ने वाली खबर है। मुझे उनकी अमर अकबर एन्थनी फिल्म अच्छी लगी।
सुभाई, हाजीपुर के सोनू कुमार भारती ने कहा कि ऋषि कपूर अच्छे अभिनेता थे। उनकी फिल्म हीना मुझे बेहद पसंद है। नमस्ते लंदन में उन्होंने जो किरदार निभाया, वह भी दर्शकों को आकर्षित किया था। उनको शत-शत नमन।
कांटी, मुजफ्फरपुर निवासी अनिकेत कुमार कहते हैं कि बॉलीवुड ने दो अहम सितारे खो दिए। जहां तक ऋषि कपूर का सवाल है तो वे उन चुनिंदा अभिनेताओं में से हैं जिनको हमलोगों ने दूरदर्शन के माध्यम से देखा। अमर अकबर एंथनी, प्रेम रोग, बॉबी, हीना जैसी फिल्मों में उनका अभिनय शानदार था। उनका जाना एक स्तंभ के ढहने जैसा है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
नरमा, बोचहा के अविनाश झा कहते हैं कि ऋषि कपूर का हमलोगों के बीच से जाना सिनेमा जगत के बहुत बड़ा आघात है। मैंने उनकी फिल्म दामनी देखी थी। उन्हें नमन।
छात्र कौटिल्य राहुल कुमार ने कहा कि ऋषि कपूर प्यार के स्तंभ थे। सागर, लैला मजनूं, अमर अकबर एंथनी, प्रेम रोग, बॉबी जैसी फिल्में मुझे बहूत अच्छी लगी थी। बहुत दुखी हूं। श्रद्धांजलि।
दिउलिया,वार्ड 24, नरकटियागंज के समाजिक कार्यकर्ता राजू जैंटलमैन ने कहा कि अपनी अदाकारी से हिंदी सिनेमा जगत में उच्च मुकाम हासिल करने वाले महानायक ऋषि_कपूर की अब स्मृति ही शेष रह गई है। उनकी दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए उनके परिजनों, दोस्तों एवं प्रशंसकों के प्रति आत्मिक संवेदना प्रकट करता हूं।