कभी बदहाली पर रोते थे, अब विकास ही इस गांव की पहचान
मैं पश्चिमी चंपारण जिले के मधुबनी प्रखंड के दौनाहा पंचायत का मुर्गाहवा गांव हूं। मैं अपने पंचायत का सबसे बड़ा गांव हूं।
मुजफ्फरपुर। मैं पश्चिमी चंपारण जिले के मधुबनी प्रखंड के दौनाहा पंचायत का मुर्गाहवा गांव हूं। मैं अपने पंचायत का सबसे बड़ा गांव हूं। जिसमें सभी समुदाय के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं। मेरी पहचान विकास कार्यो की वजह से हैं। पूर्व के वर्षों में मैं अपनी बदहाली पर सिर्फ रोता था। लेकिन हाल के दिनों में विकास ही मेरी पहचान है। मेरी आबादी लगभग 600 है। मेरे आंगन में एक मध्य विद्यालय है। जिसमें गांव के नौनिहाल वर्ग1 से लेकर वर्ग 8 तक की शिक्षा प्राप्त करते हैं। पहले मैं काफी पिछड़ा हुआ था। लेकिन सरकार द्वारा सात निश्चय योजना के तहत चलाए गए कार्यों के बाद मेरा स्वरूप बदल गया है। अभी गांव के चारों तरफ पक्की सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है।
पहले बरसात के दिनों में सड़कों पर कीचड़ पानी जमा हो जाता था। लोगों को आने जाने में काफी परेशानी होती थी। लेकिन अब जबकि गांव के आस-पास मिट्टीकरण एवं ईट्टीकरण का कार्य होने से यहां के लोगों को आने जाने में काफी सहूलियत है। अभी भी कई लोगों का झोपड़ी निवास
यहां के लोगों को आवास योजना का लाभ भी मिला है। लेकिन पूर्ण रूप से सभी को आवास योजना का लाभ नहीं मिलने के चलते गांव में अधिकांश परिवार झोपड़ी में निवास करते है। पंचायत की ओर से इन झोपड़ी वालों को भी पक्का आवास देने की योजना बनाई गई है। लेकिन विभागीय पेंचदगियां बाधक बनी हैं।इसे दूर करने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों की ओर प्रयास किया जा रहा है। संभव है कि सूची सुधार के बाद गांव की अलग पहचान बने, उसमें एक भी घर कच्चा नहीं रहे। नौनिहालों की हकमारी की ¨चता
यहां एक आंगनबाड़ी केंद्र भी है। जहां की सेविका उमापति देवी हैं ।इनके द्वारा बच्चों एवं नौनिहाल के साथ हकमारी की जाती है। कभी भी समय से पोषाहार का वितरण यहां नहीं होता । नहीं सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं का लाभ ही लोगों को मिल पाता है। यहां के लोगों को अपने इलाज के लिए पीएचसी दहवा जाना पड़ता है। यहां पर कोई छोटा-मोटा अस्पताल भी नहीं है। सबसे बड़ी समस्या है कि यहां या तो झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे रहने के लिए लोग मजबूर होते हैं या पीएचसी दहवा में ही अपना इलाज कराते हैं। जो गांव से लगभग 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर है। वार्ड सदस्यों को विकास की पूरी आजादी
यहां के मुखिया रामदेनी माझी द्वारा वार्ड के विकास में पूरी तरह से तत्परता दिखाई जा रही है। सात निश्चय योजना के तहत वार्ड सदस्यों को वार्ड के विकास के लिए पूरी स्वतंत्रता मिली है। उसका लाभ यहां के वार्ड सदस्य ललिता देवी को भी मिल रहा है। इतना ही नहीं ललिता देवी के द्वारा अपने वार्ड में विकास की काफी कार्य किए गए हैं। वार्ड सदस्य ललिता देवी बताती हैं कि उनके पंचायती राज में आने से पहले वार्ड की स्थिति काफी खराब थी। लेकिन जब से उन्होंने इस पंचायत के वार्ड नंबर 4 की कमान संभाली है। काफी विकास हुआ है। राशि नहीं मिलने से शौचालय निर्माण बाधक
चौपाल में बैठे लोगों ने उपस्थित दौनाहा पंचायत के उप मुखिया संजय यादव से चबूतरा बनवाने की मांग की है उन्होंने उप मुखिया से कहा है गांव में अगर चबूतरा बनाया जाए तो सामाजिक तौर पर बैठने एवं अन्य कार्य में काफी सहूलियत होगी। लोगों की एक सबसे बड़ी समस्या है गांव में शौचालय का निर्माण कार्य । शौचालय का निर्माण तो हुआ है। लेकिन जिनके द्वारा शौचालय का निर्माण कार्य कराया गया है प्रखंड कार्यालय के द्वारा अब तक उन का भुगतान नहीं हुआ है। जिससे लोग काफी परेशान है। इस वार्ड में अधिकांश तक गरीब तबके के लोग हैं। जो शौचालय का निर्माण कार्य तो करा लिए हैं। लेकिन भुगतान नहीं मिलने के चलते बार-बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। इसके लिए वार्ड सदस्य ललिता देवी भी काफी प्रयासरत हैं ।ताकि जल्द से जल्द लोगों का भुगतान हो सके। डीलर बेच देता हैं राशन
चौपाल में बैठे लोगों ने आरोप लगाया कि जन वितरण प्रणाली दुकानदार रामबली प्रसाद के द्वारा लोगों के जुलाई माह के राशन को बेच दिया गया है। लोगों को राशन नहीं मिलने से काफी परेशानी होती है। लोगों ने बताया कि इनके द्वारा वार्ड नंबर 4 के लोगों को हमेशा एक माह पीछे के ही राशन दिया जाता हैं। जिससे गरीब लोगों को अपने परिवार के भरण पोषण में काफी परेशानी होती है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकार द्वारा अगर समय से प्रधानमंत्री आवास योजना राशन केरोसिन एवं जल नल योजना सहित शौचालय निर्माण का कार्य करा दिया जाए। तो आम लोगों की परेशानी काफी दूर हो जाएगी। ग्राम पंचायत दौनाहा की मुखिया
रामदेनी मांझी ने बताया कि मेरे द्वारा पंचायत के विकास के लिए काफी कार्य किए गए हैं। पंचायत में जल नल, गली नाली योजना का कार्य हो रहा है। मनरेगा के कार्यों पर रोक के बाद विकास कार्यों की गति में रुक गई थी। लेकिन अब मनरेगा द्वारा चलाए जा रहे विकास कारी योजनाओं से अन्य वार्डों में भी कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिससे आम लोगों को काफी लाभ पहुंच रहा है।