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Human Rights Education कोर्स पर लगा ग्रहण, जानिए क्‍या है कोर्स बंद होने की वजह Muzaffarpur News

ऑटोमोबाइल और हेल्थकेयर कोर्स की भी स्थिति अच्छी नहीं कम हो रहा रुझान। कम्युनिटी कॉलेज में चलने वाला सर्टिफिकेट इन ह्यूमन राइट्स एजुकेशन कोर्स हो गया बंद।

By Murari KumarEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 01:59 PM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 01:59 PM (IST)
Human Rights Education कोर्स पर लगा ग्रहण, जानिए क्‍या है कोर्स बंद होने की वजह  Muzaffarpur News
Human Rights Education कोर्स पर लगा ग्रहण, जानिए क्‍या है कोर्स बंद होने की वजह Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। रोजगारपरक कोर्स की मांग होने के बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। यही कारण है कि लंगट सिंह कॉलेज परिसर स्थित कम्युनिटी कॉलेज में कई साल से चल रहा एक कोर्स बंद हो गया। कई की स्थिति भी अच्छी नहीं है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने कम्युनिटी कॉलेज में वर्ष 2013 के दिसंबर सत्र से छह महीने का सर्टिफिकेट इन ह्यूमन राइट्स एजुकेशन कोर्स शुरू किया था।

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 इसके लिए 100 सीटों पर नामांकन होना था। तीन-चार दिनों के भीतर ही सभी सीटें भर गई थीं। सत्र दर सत्र में कोर्स की डिमांड बढ़ती गई। 2016 में जब कोर्स बंद हुआ, उस वर्ष इसमें 120 विद्यार्थियों ने नामांकन लिया। उस सत्र के विद्यार्थियों की कक्षाएं शुरू होने से पहले ही कोर्स पर ग्रहण लग गया।

कोर्स बंद होने की वजह

2016 में कोर्स कोआर्डिनेटर प्रो.मंजरी वर्मा सेवानिवृत्त हो गईं। उसके बाद नए कोआर्डिनेटर की नियुक्ति नहीं हुई। बताया जा रहा है कि यूजीसी से ऐसे कोर्स के संचालन के लिए फंड मिलता है। प्रतिवर्ष इसका आंकड़ा भेजना पड़ता है। वर्षवार आंकड़ा नहीं भेजने के कारण यूजीसी ने फंड देना बंद कर दिया। कोर्स बंद होने का यह एक महत्वपूर्ण कारण बना।

ऑटोमोबाइल में घट रहा रुझान

कम्युनिटी कॉलेज में ही ऑटोमोबाइल की भी पढ़ाई होती है। इसमें एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है। यह कोर्स आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड है। यह कोर्स 2013 में शुरू हुआ था। शुरू के कुछ वर्षो में इनके प्रति विद्यार्थियों का अच्छा रुझान था। सीटें भर जाती थीं, पर वर्तमान वर्ष में सिर्फ पांच सीटों पर नामांकन हुआ है। इस कोर्स में पढ़ाई के साथ कार्य अनुभव की ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसके लिए कुछ संस्थान चिह्न्ति हैं।

हेल्थकेयर में नामांकन के लिए पहले लगती थी कतार, अब ऐसा नहीं

हेल्थकेयर कोर्स की शुरुआत 2013में हुई थी। इसमें भी पहले के कुछ वर्षो में नामांकन के लिए विद्यार्थियों की कतार लगती थी पर अब ऐसा नहीं है। इस बार हेल्थकेयर में 32 विद्यार्थियों ने नामांकन लिया है। इस कोर्स के विद्यार्थियों को भी कार्य अनुभव की ट्रेनिंग दी जाती है। विद्यार्थियों को प्लेसमेंट भी मिलता है पर बावजूद इस कोर्स की ओर विद्यार्थियों का रूझान कम होता जा रहा है।

सीटों की संख्या : 100

कोर्स अवधि : (दो सेमेस्टर) एक वर्ष

योग्यता : इंटरमीडिएट

शुल्क : 3000 रुपये प्रति सेमेस्टर

प्लेसमेंट का हाल

ऑटोमोबाइल्स : 2018-19 : 08 (डैंबलर कंपनी)

हेल्थकेयर : 2017-18 : 13 (अपोलो हॉस्पीटल नई दिल्ली)

सर्टिफिकेट इन ह्यूमन राइट्स एजुकेशन में नामांकन

2013-14 दिसंबर सत्र

2014-15 जनवरी सत्र

2014-15 दिसंबर सत्र

2015-16 जनवरी सत्र

2015-16 दिसंबर सत्र

नामांकन शुल्क : 100 रुपये

 एलएस कॉलेज प्राचार्य डॉ. ओपी राय ने बताया कि यूजीसी नए कोर्स का संचालन कराती है। इसी के तहत कम्युनिटी कॉलेज में ऑटोमोबाइल, ह्यूमन राइट्स, हेल्थकेयर और लाइब्रेरी साइंस की पढ़ाई शुरू की गई। किसी कारण से यूजीसी ने ह्यूमन राइट्स कोर्स को बंद कर दिया। अनुमति मिलने के बाद फिर शुरू किया जाएगा।

कम्‍युनिटी कॉलेज की नोडल पदाधिकारी प्रगति आशना ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में लोगों को अपने अधिकारों को जानना बेहद जरूरी है। इसके प्रति लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। यह कोर्स विद्यार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए। साथ ही हेल्थकेयर और ऑटोमोबाइल कोर्स की ओर यूजीसी को ध्यान देना चाहिए। ये कोर्स रोजगारपरक हैं।


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