दिल्ली से आए इतिहासकारों ने कहा- एजुकेशन सिस्टम को सुधारकर ही रच सकते सही इतिहास Muzaffarpur News
बीआरए बिहार विवि के ऑडोटोरियम में बिहार इतिहास परिषद के तत्वावधान में आयोजित इतिहास के दो दिवसीय अधिवेशन में दिल्ली से आए विख्यात इतिहासकारों से खास बातचीत।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। हम एजुकेशन सिस्टम में सुधार लाकर सुशिक्षित समाज का निर्माण कर सकते हैं। साथ ही एमफिल और पीएचडीधारियों को विभिन्न संस्थानों के रिक्त पदों पर बहाल कर सिस्टम को दुरुस्त कर सकते हैं। यहीं से वर्तमान इतिहास की नींव रखी जा सकती है। ये बातें बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के ऑडोटोरियम में बिहार इतिहास परिषद के तत्वावधान में आयोजित इतिहास के दो दिवसीय अधिवेशन में दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ.जगदीश नारायण सिन्हा ने विशेष बातचीत के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि बिना शिक्षा को सुदृढ़ किए एक बेहतर कल की कल्पना कर पाना भी मुश्किल है। इतना एजुकेशन पाने के बाद भी रोजगार नहीं मिलना यह युवाओं में हताशा पैदा करता है।
दलितों और महिलाओं की स्थिति पर गहन शोध की जरूरत
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली की प्राध्यापक और चेयरपर्सन डॉ. लता सिंह ने कहा कि 1920 और वर्तमान परिदृश्य में आजादी के मायने बदल गए हैं। उस वक्त हम देश को आजाद कराने के लिए एकजुट हुए थे और अब अपने अधिकारों को सहेजने के लिए एकजुट हो रहे हैं। वर्तमान परिपेक्ष्य में सामान्य और वंचितों के सवालों को उठाने की जरूरत है। सोर्स को देखकर समझकर वस्तुनिष्ठ तरीके से पुनर्निर्माण करना पड़ेगा। आज दलित, महिलाएं और दबे वर्ग इतिहास में अपनी आन को तलाश रहे हैं। वे जानना चाहते हैं कि इतिहास में जो घटा उसमें उनके समाज का क्या योगदान रहा। दलितों और महिलाओं की आवाज कहां है, उनकी क्या स्थिति है, इसपर गहन शोध करने की जरूरत है।Ó
तथ्यों पर आधारित इतिहास की ओर ध्यान आकृष्ट कराने की जरूरत
भारतीय इतिहास शोध परिषद, नई दिल्ली के पूर्व सदस्य प्रभात कुमार शुक्ला ने कहा कि तथ्यों पर आधारित इतिहास की ओर ध्यान आकृष्ट कराने की जरूरत है। क्षेत्रवाद व जातिवाद को ऐतिहासिक संदर्भ में देखने की जरूरत है। पहले हम देश की आजादी के लिए लड़े । आजादी मिली और अब हम अपने अधिकारों की आजादी के लिए लड़ रहे हैं। बिहार के परिदृश्य की बात कहें तो पूरा विश्व गांधी और बुद्ध को मानता पर हमपर उनकी विचार धारा का असर क्यों नहीं पड़ता, इसपर शोध होना चाहिए।Ó