Muzaffarpur Shelter home case : सजा के बिंदु पर सुनवाई पूरी, 11 फरवरी तक के लिए फैसला सुरक्षित
Muzaffarpur Shelter home case ब्रजेश की ओर से कम से कम सजा देने की विशेष कोर्ट से प्रार्थना। पिछली तारीख को टल गई थी सजा के बिंदु पर सुनवाई।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बालिका गृह मामले में दिल्ली के साकेत स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट में ब्रजेश ठाकुर सहित 19 दोषियों को सजा देने के बिंदु पर मंगलवार को सुनवाई पूरी हो गई। अब 11 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। इससे पूर्व कड़ी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल से लाकर ब्रजेश ठाकुर व अन्य को विशेष कोर्ट में पेश किया गया।
Muzaffarpur (Bihar) Shelter Home case: Delhi's Saket Court reserves order for 11th February, after hearing arguments on the quantum of sentence for the convicts. CBI has sought life imprisonment for convicted NGO owner Brajesh Thakur.
— ANI (@ANI) February 4, 2020
ब्रजेश की ओर से कम से कम सजा देने की प्रार्थना
सुनवाई के दौरान ब्रजेश ठाकुर के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने विशेष कोर्ट के समक्ष उसे कम से कम सजा देने की प्रार्थना की। कोर्ट के समक्ष ब्रजेश ठाकुर के इतिहास, पारिवारिक स्थिति को रखा। साथ ही अब तक किसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं होने का हवाला देते हुए कोर्ट से रहम करने की प्रार्थना की। इसी तरह रवि रोशन व अन्य दोषियों की ओर से भी प्रार्थना की गई। विशेष कोर्ट ने बहस सुनने के बाद 11 फरवरी को सजा सुनाए जाने का आदेश जारी किया।
एक बार टलने के बाद सजा के बिंदु पर हुई सुनवाई
इससे पहले 28 जनवरी को सजा सुनाए जाने की तारीख मुकर्रर की गई थी। लेकिन, साकेत कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ के अवकाश पर रहने के कारण सजा नहीं सुनाई जा सकी। तब सजा सुनाए जाने को लेकर चार फरवरी की तारीख मुकर्रर की गई थी।
सत्र विचारण के बाद विशेष कोर्ट ने 20 जनवरी को 19 आरोपितों को दोषी करार दिया था। जबकि, एक आरोपित विक्की को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया था। दोषी करार के फैसले को लेकर तीन तारीखें टली थीं। कोर्ट ने पहली बार पिछले साल 14 नवंबर को फैसले की तारीख मुकर्रर की थी। उस दिन दिल्ली में वकीलों की हड़ताल के कारण फैसला टला था। फिर 12 नवंबर को विशेष न्यायाधीश अवकाश पर थे। तीसरी बार 14 जनवरी को ब्रजेश ठाकुर की ओर से दाखिल एक अर्जी की सुनवाई को लेकर फैसला टाल दिया गया था।
इन दोषियों को सुनाई जाएगी सजा
ब्रजेश ठाकुर, तत्कालीन बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि कुमार रोशन, बाल कल्याण समिति के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप कुमार वर्मा, समिति के सदस्य विकास कुमार, विजय तिवारी, इंदू कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, गुड्डू पटेल, कृष्णा राम, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर, डॉ.अश्विनी उर्फ आसमनी, साइस्ता परवीन उर्फ मधु व बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक रोजी रानी शामिल है।
यह है मामला
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की संस्था कोशिश की रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह की लड़कियों के साथ यौन ङ्क्षहसा की बात सामने आई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने 31 मई 2018 को महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। दो जून 2018 को ब्रजेश ठाकुर और महिला गृह की छह महिला कर्मियों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कुल दस आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इन सभी के विरुद्ध 26 जुलाई 2018 को मुजफ्फरपुर के विशेष पॉक्सो कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। 28 जुलाई 2018 से इस मामले की जांच सीबीआइ ने की। सीबीआइ ने 19 दिसंबर 2018 को ब्रजेश ठाकुर सहित 21 आरोपितों के विरुद्ध मुजफ्फरपुर के विशेष पॉक्सो कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फरवरी 2019 में सुनवाई के लिए यह मामला साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया गया। जहां 23 फरवरी 2019 से मामले की सुनवाई शुरू हुई थी।