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समीर हत्याकांड में न्यायिक हिरासत में बंद पिंटू सिंह की दस लाख की धोखाधड़ी मामले में कोर्ट में पेशी

पूर्व मेयर समीर कुमार हत्याकांड में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है पिंटू सिंह। जमीन दिलाने के नाम पर दस लाख रुपये धोखाधड़ी का आरोप।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 08:20 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 08:20 PM (IST)
समीर हत्याकांड में न्यायिक हिरासत में बंद पिंटू सिंह की दस लाख की धोखाधड़ी मामले में कोर्ट में पेशी
समीर हत्याकांड में न्यायिक हिरासत में बंद पिंटू सिंह की दस लाख की धोखाधड़ी मामले में कोर्ट में पेशी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जमीन के सौदे को लेकर दस लाख रुपये की धोखाधड़ी मामले के आरोपित सरैया थाना के बतरौलिया निवासी मृत्युंजय कुमार उर्फ पिंटू सिंह को मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। यह आरोप सदर थाने के पताही जगन्नाथ निवासी आशा सिन्हा ने लगाया था। वह इस समय पूर्व मेयर समीर कुमार हत्याकांड में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। पूर्व मेयर हत्याकांड मामले में जिला जज के कोर्ट से उसकी जमानत की अर्जी खारिज हो चुकी है।

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यह है धोखाधड़ी का मामला

सदर थाने के पताही जगन्नाथ गांव की आशा सिन्हा ने 11 दिसंबर 2017 को सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था। इसमें कहा था कि उसके पति शिक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति लाभ मद में मिली राशि से गोबरसही के निकट एक क_ा जमीन खरीदना चाह रहे थे। इसे लेकर उनके पुत्र ने मृत्युंजय कुमार उर्फ पिंटू सिंह से संपर्क किया। पिंटू ने गोबरसही के निकट एक क_ा जमीन का प्लॉट दिखाया और इसे दिलाने का आश्वासन दिया।

 सौदा तय होने पर सात दिसंबर 2014 को उसे इस जमीन के लिए दस लाख रुपये दिया गया। इसके बाद वह जमीन दिलाने को लेकर लगभग दो साल तक टाल-मटोल करता रहा। जब उस पर रुपये लौटाने का दबाव बनाया तो उसने 24 नवंबर 2017 को इसकी डेडलाइन तय की। इस डेडलाइन पर उसने दस लाख रुपये के विभिन्न बैंकों के पांच चेक दिए। चेक को कैश के लिए बैंकों में जमा कराए गए। इससे पहले ही पिंटू ने अपने खातों से निकासी पर रोक लगा दी थी। इससे चेक बाउंस हो गया।

 इसके विरुद्ध उसे वकालतन नोटिस भेजा गया। इसका जब उसने कोई जवाब नहीं दिया तो आशा सिन्हा ने उसके विरुद्ध 11 दिसंबर 2017 को सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया। परिवाद की सुनवाई के बाद सीजेएम ने उसे कोर्ट में हाजिर होने के लिए समन भेजा। जब वह हाजिर नहीं हुआ तो उसके खिलाफ वारंट जारी किया गया।


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