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संसाधन व सुविधाओं की कमी से जूझ रहे जिले के स्वास्थ्य केंद्र Muzaffarpur News

स्वास्थ्यकर्मियों की कमी से मरीजों को करना पड़ता लंबा इंतजार। महिला चिकित्सकविहीन सीएचसी में सात के बदले मात्र चार चिकित्सक कार्यरत।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 09:07 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 09:07 AM (IST)
संसाधन व सुविधाओं की कमी से जूझ रहे जिले के स्वास्थ्य केंद्र Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार भले ही सुविधा बढ़ाने का दावा करती है, लेकिन आज भी अस्पतालों में कर्मी, दवाओं व संसाधनों के अभाव में मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है। कुछ ऐसी ही स्थिति 3.16 लाख की आबादी को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाले सीएचसी गायघाट की है।

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प्रतिदिन होता 250 मरीजों का इलाज

जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर सीएचसी गायघाट में हमेशा मरीजों की भीड़ लगी रहती है। प्रतिदिन ढाई सौ के करीब मरीज इलाज के लिए आते हैं। इलाज के लिए चिकित्सक तो हैं, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों की कमी के कारण मरीजों के इलाज में परेशानी झेलनी पड़ती है। मरीजों को अपनी बारी आने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ योगेश नारायण के मुताबिक सीमित संसाधन व कर्मियों के कमी के बीच बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है।

डॉक्टर, एएनएम व कंपाउंडर की कमी

महिला चिकित्सक विहीन सीएचसी में प्रभारी समेत सात पुरुष चिकित्सक के बदले चार कार्यरत हैं। ड्रेसर के चारों पद रिक्त हैं। चार फार्मासिस्ट के बदले एक कार्यरत है। प्रखंड के उप स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र व सीएचसी मिलाकर एएनएम के 67 पद के बदले 37 कार्यरत हैं। चार नर्स सीएचसी में नियुक्त हैं लेकिन दो नर्स ही कार्यरत हैं। अस्पताल में जांच की भी सुविधा भी भगवान भरोसे उपलब्ध है। वहीं सफाई के काम में लापरवाही बरती जाती है। लेकिन, अस्पताल में कंपाउंडर और ड्रेसर की कमी से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है।

दवाओं का अभाव

अस्पताल में रोजमर्रा व छोटी- मोटी दवाएं लगभग उपलब्ध हैं। प्रसव कराने आए अभिभावकों को अस्पताल द्वारा दवा के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। आउटडोर मे 37 तथा इनडोर मे 63 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं।

गंदगी का अंबार

सीएचसी परिसर में लापरवाही के चलते फैली गंदगी मरीजों की समस्या बढ़ा रही है। अस्पताल के बाहर बने शौचालय में गंदगी का ढेर लगा हुआ है। मरीजों के अभिभावकों को गंदगी में बैठना पड़ रहा है। इसकी जानकारी अधिकारियों को होने के बावजूद सफाई को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। ऐसे में मरीज और उनके परिजनों को संक्रमित बीमारी से प्रभावित होने का भय सता रहा है। अस्पताल के मुख्य गेट के सामने चारों तरफ वर्षा का सड़ा हुआ पानी व कूड़ा- कचरा फैला हुआ है।


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