मनमानी : ट्रेनों की ड्यूटी छोड़ अफसरों की सेवा में लगे गार्ड
अधिकारियों के प्रभाव में मिल रहीं ट्रेन पर तैनाती की सारी सुविधाएं। एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों के गार्ड ऑफिस और स्टेशन पर दे रहे ड्यूटी। शेष कर्मियों पर पड़ रहा कामकाज का दबाव।
मुजफ्फरपुर, [पंकज कुमार]। रेलवे में कर्मचारियों के कामकाज और ड्यूटी आवंटन में मनमानी का सिलसिला बदस्तूर जारी है। कर्मियों को मूल ड्यूटी से हटाकर कहीं और लगाया गया है। इनमें कई गार्ड भी हैं। ट्रेनों पर तैनाती की जगह उन्हें अफसरों की निजी ड्यूटी पर लगाया गया है। कुछ ऑफिस तो कुछ स्टेशन पर सेवा दे रहे। इनमें लोकल, मालगाड़ी ओर एक्सप्रेस ट्रेनों के गार्ड हैं। इसका असर ट्रेनों के नियमित परिचालन पर पड़ रहा।
अधिकारियों के प्रभाव में इन गार्डों को बिना ट्रेन में तैनाती सारी अतिरिक्त सुविधाएं दी जा रहीं। रेलवे पर इसका दोहरा असर पड़ रहा। एक तो उसे मूल कर्मियों की कमी से जूझना पड़ रहा। शेष कर्मियों पर काम का अतिरिक्त दबाव पड़ रहा। रेस्ट और छुट्टी की भी समस्या है।
दूसरी ओर, अधिकारियों की निजी सेवा में लगे कर्मियों को बिना ड्यूटी अतिरिक्त भुगतान भी करना पड़ रहा। हालांकि, ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल के शाखा सचिव ने डीआरएम के सामने मामले को उठाया था, लेकिन तत्काल कोई पहल नहीं की गई।
ट्रेनों का परिचालन हो रहा बाधित
जंक्शन पर सोनपुर और समस्तीपुर मंडल के गार्डों की तैनाती है। इनमें समस्तीपुर के 70 और सोनपुर के 140 गार्ड हैं। समस्तीपुर मंडल के 70 गार्डों में पांच मेल या एक्सप्रेस, 18 सवारी और शेष मालगाड़ी में तैनात होते हैं। वहीं, सोनपुर मंडल में जंक्शन से प्रतिदिन 25 मालगाड़ी, साप्ताहिक और हर रोज (डेली) मिलाकर 30 मेल या एक्सप्रेस और 15 स्थानीय रूटों पर लोकल ट्रेनें चलती हैं। इन गाडिय़ों को चलाने के लिए 140 गार्ड हैं। इनमें से प्रतिदिन 10 गार्डों की तैनाती नहीं होती है। ये गार्ड अधिकारियों के कार्यालय और स्टेशन कार्य में लगे हैं। इससे ट्रेनों का परिचालन बाधित हो रहा।
डीआरएम अतुल्य सिन्हा ने कहा कि 'कर्मचारियों को मूल कार्य से हटाकर कहीं और तैनात करना गंभीर मामला है। इस मामले की जांच होगी।Ó
गैंगमैन करते अफसरों की ड्यूटी, पटरियों की मरम्मत पर ध्यान नहीं
हाजीपुर और समस्तीपुर रेलमार्ग पर ट्रैकों की मरम्मत के लिए इंजीनियङ्क्षरग विभाग में पांच सौ से अधिक गैंगमैन हैं। इनमें से सौ से अधिक विभिन्न विभागों के अधिकारियों के आवास पर तैनात रहते हैं। 20 कर्मचारी ऑफिस में रहते हैं। बाकी से दिन और रात में ट्रैकों की मरम्मत करवाई जाती है।
ट्रैकों की मरम्मत के लिए एक यूनिट में 20 से 22 कर्मियों का होना अनिवार्य है। लेकिन, अधिकारी पांच से सात कर्मचारियों को ही तैनात करते। दो किलो के बदले 14 किलो का वजन कैरी कर पैदल कार्य करवाया जाता है। हाल के दिनों में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने अधिकारियों के आवास तैनात गैंगमैन को हटाने का आदेश दिया था।
लेकिन, इसे गंभीरता से लागू नहीं किया गया। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के मंडल मंत्री एससी त्रिवेदी ने कहा कि गैंगमैन की कमी है। इससे काम प्रभावित हो रहा।