जिले का भूगर्भ जलस्तर 35 फीट नीचे गिरा, पानी का संकट गहराया
नीतीश्वर महाविद्यालय के भूगोल विभाग में जल प्रबंधन एवं संरक्षण पर सेमिनार में वक्ताओं ने पानी के महत्ता पर दिया जोर। जल की बर्बादी रोकने का प्रयास किया जाए।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। भूगर्भ जल स्तर जिले से लेकर राज्य तक 35 फीट नीचे गिर चुका है। यह स्थिति बेहद खतरनाक और भविष्य में औसतन जल की उपलब्धता का ग्राफ काफी कम होने का संकेत है। ये बातें बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के अध्यक्ष डॉ. उमाशंकर सिंह ने कही। वे नीतीश्वर महाविद्यालय के भूगोल विभाग के तत्वावधान में आयोजित जल प्रबंधन एवं संरक्षण पर आयोजित सेमिनार को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर दीप प्रज्वलित संयुक्त रूप से महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार, उद्घाटक डॉ. उमाशंकर सिंह व मुख्य वक्ता डॉ. प्रमोद कुमार ने किया।
अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य ने की। उन्होंने जोर दिया कि भू जल गिरावट एवं जल की बर्बादी रोकने का हर संभव प्रयास किया जाए। मंच संचालन डॉ. निभा शर्मा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सरिता कुमारी ने किया। मुख्य वक्ता डॉ. प्रमोद कुमार समेत अन्य वक्ताओं में एमडीडीएम की प्रोफेसर डॉ. इला केरकेटा, डॉ. जफर आलम, डॉ. पुण्यदेव साह एवं डॉ. ममता राय शामिल थे।
सेमिनार की खास बातें
सेमिनार में कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की गई। इस दौरान बताया गया कि देश में विगत 118 साल में प्रति व्यक्ति 8192 घनमीटर था, जो 2050 तक घट कर 1235 घनमीटर रह गया। अगले दशक में भारत में 30 फीसद जल घट जाएगा। जल प्रबंधन एवं संरक्षण के लिए पोखर कुआं की जरूरत है।