B. R. Ambedkar Bihar University: पुराने पैटर्न पर ही होगी स्नातक और पीजी की परीक्षाएं, बढ़ेंगे परीक्षा केंद्र
B. R. Ambedkar Bihar University स्नातक के परीक्षा पैटर्न में कोई बदलाव नहीं। दो पालियों में आयोजित होगी परीक्षा ऑनलाइन भरा जाएगा परीक्षा फॉर्म। जीएस की परीक्षा नहीं होगी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित होने वाली स्नातक और पीजी की परीक्षाएं पुराने पैटर्न पर ही आयोजित की जाएगी। विवि के परीक्षा कमेटी की बैठक में सोमवार को यह निर्णय लिया गया है। कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला हुआ कि स्नातक प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष की प्रायोगिक परीक्षाएं विवि स्तर पर आयोजित नहीं की जाएगी। कॉलेजों की ओर से इसका आंतरिक मूल्यांकन कर विवि को अंक भेजा जाएगा।
परीक्षा नियंत्रक डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि परीक्षाएं दो पाली में आयोजित होंगी और परीक्षार्थियों को तीन घंटे समय दिया जाएगा। ग्रुप भी बढ़ाए जाएंगे। विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार परीक्षा केंद्रों में वृद्धि की जा सकती है। स्नातक तृतीय वर्ष का परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन ही भरा जाएगा। इसके फॉर्मेट में कुछ बदलाव किया गया है। फॉर्म ऑनलाइन भरने के बाद विद्यार्थियों को इसकी एक कॉपी अपने कॉलेज में जमा करना होगा। परीक्षा फॉर्म भरने के लिए एक-दो दिनों में अधिसूचना जारी की जाएगी। साथ ही परीक्षाओं का आयोजन अक्टूबर में किया जाएगा। साथ ही स्नातक तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों को राहत दी गई है कि उन्हें सिर्फ सैद्धांतिक पेपर की ही परीक्षा देनी होगी। जीएस के पेपर में उन्हें मूल पेपर में मिले अंक के आधार पर ही अंक मिलेगा।
एमआइएल की परीक्षा ओएमआर शीट पर होगी
स्नातक के प्रथम व द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के एमआइएल पेपर की परीक्षा ओएमआर शीट पर ली जाएगी। इसके लिए विवि के वेबसाइट पर पैटर्न जारी किया जाएगा। डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि कला संकाय और साइंस व कॉमर्स के छात्रों की परीक्षा एक साथ होने के कारण छात्रों की संख्या अत्यधिक हो जाती है। ऐसे में केवल एमआइएल की परीक्षा ऑब्जेटिक्व सवालों के आधार पर लेने का फैसला हुआ है। यह परीक्षा कई पालियों में ली जाएगी। डेढ़ घंटे की यह परीक्षा होगी। 50 सवाल पूछे जाएंगे। सभी सवाल दो-दो नंबरों के होंगे। बैठक में सोशल साइंस के डीन डॉ. सीकेपी शाही, डॉ. गोङ्क्षवद झा, डॉ. मो. नसीम, डॉ. आले मुजतबा आदि सदस्य मौजूद थे।