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ग्रेजुएट बेटियों को 25 हजार रुपये दिलाने में भी पिछड़ा विश्वविद्यालय

अभी तक सिर्फ 6307 छात्राओं के डाक्यूमेंट्स ही सरकार तक पहुंच पाए। स्नातक में 28150 छात्राएं हैं उनमें से 15 छात्राएं गोल्ड मेडलिस्ट। प्रोत्साहन राशि में विलंब से छात्राएं मायूस।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 04:27 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 04:27 PM (IST)
ग्रेजुएट बेटियों को 25 हजार रुपये दिलाने में भी पिछड़ा विश्वविद्यालय
ग्रेजुएट बेटियों को 25 हजार रुपये दिलाने में भी पिछड़ा विश्वविद्यालय

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। ग्रेजुएट बेटियों को 25 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिलाने के मामले में भी बीआरए बिहार विश्वविद्यालय पिछड़ गया है। पटना समेत राज्य के कई दूसरे विश्वविद्यालयों में यह राशि बंटनी शुरू भी हो गई। मगर यहां अभी तक आवेदन प्रक्रिया भी आधी-अधूरी है। स्नातक में 28150 छात्राएं हैं। उनमें से इस बार 15 छात्राएं गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। विश्वविद्यालय छात्रसंघ की महासचिव स्वर्णिम चौहान ने कहा कि 25 अप्रैल, 2018 के उपरांत स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को प्रोत्साहन राशि की टकटकी लगी हुई है।

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   इस इंतजार में छात्राएं कॉलेज व विश्वविद्यालय का चक्कर काट रही हैं। विश्वविद्यालय तो सुस्त चाल चल ही रहा है कॉलेज भी इस मामले में खास दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजनान्तर्गत मुख्यमंत्री बालिका स्नातक प्रोत्साहन योजना के लिए राज्य के विश्वविद्यालयों से 25 अप्रैल, 2018 के उपरांत स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को प्रति छात्रा 25000 रुपये की दर से प्रोत्साहन राशि मिलनी है।मामले में 11 सरकारी और 12 प्राइवेट कॉलेज उदासीन

डिप्टी रजिस्ट्रार टू डॉ. आतिफ रब्बानी के मुताबिक ही 11 सरकारी कॉलेज व 12 प्राइवेट कॉलेजों ने इससे संबंधित कोई डाटा ही नहीं भेजा है। बताया कि अभी तक सिर्फ 6307 छात्राओं के ही डाक्यूमेंट्स उन तक पहुंच पाए हैं जिन्हें शिक्षा विभाग को अग्रसारित किया जा चुका है। 5 फरवरी को 365, 13 फरवरी को 3403, 18 फरवरी को 1578, 26 फरवरी को 2195 तथा 12 मार्च को 1001 छात्राओं के डॉक्यूमेंट्स भेजे गए। 

   बीआरएबीयू डिप्टी रजिस्ट्रार दो डॉ.आतिफ रब्बानी ने कहा कि हमलोगों ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी है। दिन-रात इस काम में लगे हुए हैं। प्राइवेट कॉलेजों की कौन कहे, अंगीभूत कॉलेज भी इस मामले में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। ऐसे 23 कॉलेज हैं।


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