मुजफ्फरपुर का महापाप: भागलपुर जेल भेजा गया ब्रजेश, बेल पर भी हुई सुनवाई
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर को भागलपुर तेज स्थानांतरित कर दिया है। इसके पहले बुधवार को ब्रजेश के बेल पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 07:26 PM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 11:28 PM (IST)
पटना/ मुजफ्फरपुर [जागरण टीम]। मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन हिंसा कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की जमानत (बेल) पर पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए सीबीआइ को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। अदालत ने सीबीआइ से 31 अक्टूबर तक बताने को कहा है कि क्या बालिका गृह मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट भी गठित किया गया है। इसके बाद गुरुवार सुबह ब्रजेश को सीबीआइ के आग्रह पर मुजफ्फरपुर जेल से भागलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया गया।
गौरतलब है कि ब्रजेश ठाकुर के बालिका गृह में 29 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की शिकायत मिली थी। अभी मामले की सीबीआइ जांच चल रही है।
भागलपुर सेंट्रल जेल भेजा गया ब्रजेश ठाकुर
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में गिरफ्तार मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर को मुजफ्फरपुर जेल से भागलपुर शिफ्ट कर दिया गया। उसके रसूख को सीबीआइ समझने लगी है। अंदेशा था कि वह मुजफ्फरपुर में रहेगा तो गवाहों और साक्ष्यों से छेड़छाड़ करता रहेगा।
सीबीआइ के अनुरोध पर कारा प्रशासन ने ब्रजेश ठाकुर को मुजफ्फरपुर केन्द्रीय कारा से भागलपुर केन्द्रीय कारा भेजने का निर्णय लिया। इसके बाद ब्रजेश को गुरुवार की सुबह चार बजे मुजफ्फरपुर से भागलपुर स्थानांतरित किया गया। ब्रजेश के अलावा बालिका गृह के अन्य आरोपित बंदियों को गुरुवार की शाम बेउर पटना जेल भेज जाएगा।
कारा मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो मुजफ्फरपुर में अपराध का ग्राफ काफी बढ़ गया है। वहां के पुलिस प्रशासन के अनुरोध पर मुजफ्फरपुर जेल में बंद एक दर्जन से अधिक कुख्यात को बेउर जेल स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया गया है। इन कैदियों पर जेल में रहते हुए शहर में अपराध संचालित करने का आरोप है।
हाईकोर्ट में ब्रजेश के वकील ने दी ये दलील
इसके पहले बुधवार को कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की जमानत याचिका पर न्यायाधीश सुधीर सिंह की एकल पीठ ने सुनवाई की। इस दौरान ब्रजेश के वकील अजय कुमार ठाकुर ने कहा कि ब्रजेश को नाहक बड़ा अपराधी साबित करने का प्रयास किया गया है। अभी तक एक भी पीडि़ता ने ब्रजेश का नाम नहीं लिया है। जबकि, पुलिस ने इस कांड को लेकर 25 जुलाई को ब्रजेश के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। आरोप पत्र वह सब नहीं है जैसा कि मीडिया द्वारा उछाला जा रहा था। हालांकि इस प्रकरण को लेकर राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच के आदेश दिये हैं।
कोर्ट ने किए ये सवाल
इसपर अदालत ने पूछा कि अभी तक सीबीआइ को क्या-क्या साक्ष्य मिले हैं? इसकी जानकारी दी जाए। अदालत ने यह भी कहा कि जवाब संतोषजनक नहीं आया तो एसपी को कोर्ट में बुलाया जाएगा। सुनवाई में सीबीआइ के वकील को भी कोर्ट ने खरी-खरी सुनाई।
गौरतलब है कि ब्रजेश ठाकुर के बालिका गृह में 29 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की शिकायत मिली थी। अभी मामले की सीबीआइ जांच चल रही है।
भागलपुर सेंट्रल जेल भेजा गया ब्रजेश ठाकुर
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में गिरफ्तार मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर को मुजफ्फरपुर जेल से भागलपुर शिफ्ट कर दिया गया। उसके रसूख को सीबीआइ समझने लगी है। अंदेशा था कि वह मुजफ्फरपुर में रहेगा तो गवाहों और साक्ष्यों से छेड़छाड़ करता रहेगा।
सीबीआइ के अनुरोध पर कारा प्रशासन ने ब्रजेश ठाकुर को मुजफ्फरपुर केन्द्रीय कारा से भागलपुर केन्द्रीय कारा भेजने का निर्णय लिया। इसके बाद ब्रजेश को गुरुवार की सुबह चार बजे मुजफ्फरपुर से भागलपुर स्थानांतरित किया गया। ब्रजेश के अलावा बालिका गृह के अन्य आरोपित बंदियों को गुरुवार की शाम बेउर पटना जेल भेज जाएगा।
कारा मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो मुजफ्फरपुर में अपराध का ग्राफ काफी बढ़ गया है। वहां के पुलिस प्रशासन के अनुरोध पर मुजफ्फरपुर जेल में बंद एक दर्जन से अधिक कुख्यात को बेउर जेल स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया गया है। इन कैदियों पर जेल में रहते हुए शहर में अपराध संचालित करने का आरोप है।
हाईकोर्ट में ब्रजेश के वकील ने दी ये दलील
इसके पहले बुधवार को कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की जमानत याचिका पर न्यायाधीश सुधीर सिंह की एकल पीठ ने सुनवाई की। इस दौरान ब्रजेश के वकील अजय कुमार ठाकुर ने कहा कि ब्रजेश को नाहक बड़ा अपराधी साबित करने का प्रयास किया गया है। अभी तक एक भी पीडि़ता ने ब्रजेश का नाम नहीं लिया है। जबकि, पुलिस ने इस कांड को लेकर 25 जुलाई को ब्रजेश के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। आरोप पत्र वह सब नहीं है जैसा कि मीडिया द्वारा उछाला जा रहा था। हालांकि इस प्रकरण को लेकर राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच के आदेश दिये हैं।
कोर्ट ने किए ये सवाल
इसपर अदालत ने पूछा कि अभी तक सीबीआइ को क्या-क्या साक्ष्य मिले हैं? इसकी जानकारी दी जाए। अदालत ने यह भी कहा कि जवाब संतोषजनक नहीं आया तो एसपी को कोर्ट में बुलाया जाएगा। सुनवाई में सीबीआइ के वकील को भी कोर्ट ने खरी-खरी सुनाई।
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