बच्चों की सुरक्षा व शिक्षा भगवान भरोसे
मुजफ्फरपुर। राज्य कि शिक्षा व्यवस्था के प्रति लोगों के जेहन में यह बात बैठ गई है कि सरकारी स्कूल महज
मुजफ्फरपुर। राज्य कि शिक्षा व्यवस्था के प्रति लोगों के जेहन में यह बात बैठ गई है कि सरकारी स्कूल महज खाना बनाने व खिलाने की जगह बन कर रह गई है । जहां शुरूआत के कुछ समय हाजिरी बनाने में बीतते हैं तो बाद के कुछ समय मध्याहन भोजन बनाने व खिलाने में बीतते हैं । प्राथमिक व मध्य विद्यालयों की स्थिति भी कुछ ऐसी ही देखने को मिल भी रही है । शिक्षक व संसाधन की कमी आम बात है । लेकिन शिक्षकों की संख्या पर्याप्त होने के बावजूद पढ़ाई नहीं होना या सरकारी संसाधनों की सही देखभाल नहीं होने से नष्ट होते देख बिहार की शिक्षा व्यवस्था की स्थिति का आकलन सहज लगाया जा सकता है ।
ऐसी ही कुछ स्थिति मधुबनी जिले के सकरी पश्चिमी पंचायत के यादव टोला स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय अनु सूचित में जहां वर्ग एक से पांच तक की पढ़ाई होती है । विद्यालय में कुल 233 बच्चे नामांकित हैं जिनमें से 131 बच्चों की उपस्थिति थी । विद्यालय में कुल पांच अध्यापक हैं जिनमें एक शिक्षक व चार शिक्षिकाएं हैं जिनमें से सभी उपस्थित थी । विद्यालय में तीन रसोईया हैं । मध्याहन भोजन में चावल दाल सब्जी दी गई थी । विद्यालय में कहने को तीन कमरें हैं मगर वर्ग संचालन लायक महज दो कमरें हैं । तीन चापाकल में से दो चालू है । दो शौचालय में से दोनों शौचालय चालू है जो साफ सफाई के अभाव में गंदे पड़े हैं । बच्चों की सुरक्षा व शिक्षा भगवान भरोसे होती है । सकरी पंडौल मुख्य सड़क के किनारे स्कूल होने के बावजूद शिक्षक की लापरवाही के कारण बच्चे स्कूल से बाहर सड़क पर निकल जाते हैं जो किसी दिन एक बड़े हादसे का कारण बन सकती है ।
परिसर में एक किचेन शेड है । एचएम पूनम कुमारी ने बताया कि यहां कमरे की इतनी दिक्कत है कि बच्चों के वर्ग संचालन में भी कठिनाईयां आ रही है । एक टूटे हुए कमरे में किसी तरह बच्चों को पढ़ाने की कोशिश हम सब करते रहते हैं । जल निकासी की समस्या के कारण एक चापाकल को बंद रखना पड़ता है ।