बालिका गृह में हैवानियत: बच्चियों की दुखभरी कहानी सुन कांप जायेगी रूह
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बालिका गृह में हैवानियत की कहानी लड़कियों ने सुनाई। कहा कि हमारे साथ जबरदस्ती की जाती थी। प्रताड़ना से तंग एक लड़की ने आत्महत्या तक कर ली थी।
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। 'मेरे साथ जबरदस्ती होती थी। ब्रजेश सर नीचे ले जाते थे और भयानक दुख देते थे। हेड सर बुरा काम करने की कोशिश करते थे। शरीर के विभिन्न हिस्सों पर मारते थे।' बिहार के मुजफ्फरपुर सिथत बालिका गृह में हैवानियत की यह कहानी है। फोटो से पहचाने गए शख्स के संबंध में बच्चियां कहती हैं कि वे बगीचे में ले जाकर उनसे छेड़छाड़ करते थे। शिकायत करने पर संचालिका उन्हीं का पक्ष लेती और उनके साथ बगीचे में जाने को कहती थी। सीआरपीसी की धारा-164 के तहत न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष बालिका गृह की 22 लड़कियों ने दुखभरी कहानी सुनाई।
जबरन पिलाई जाती थी नशे की दवा
अधिकतर लड़कियों ने मीनू, चंदा और किरण का नाम लिया। कहा कि रात में जबरन दवा पिलाई जाती थी। इसके बाद उन्हें होश नहीं रहता था। एक लड़की ने तो यहां तक कहा कि दवा पिलाने के बाद सुबह उसके कपड़े खुले थे। उसके साथ क्या हुआ, पता नहीं। महिला कर्मी किरण पर लड़कियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
चलती थी ब्रजेश, विकास और रोशन की तिकड़ी
लड़कियों ने अपने बयान में कहा है कि ब्रजेश ठाकुर, सीपीओ रवि रोशन और बाल कल्याण समिति के सदस्य विकास कुमार की तिकड़ी चलती थी। ये लड़कियों का यौन शोषण करते थे। विरोध करने पर उनकी बुरी तरह पिटाई की जाती थी। ब्रजेश यहां के हेड सर के रूप में जाने जाते थे। विरोध करनेवाली लड़कियों को उनका भय दिखाकर चुप करा दिया जाता था।
महिला कर्मियों की क्रूरता
बालिका गृह में कार्यरत तीन महिलाओं की क्रूरता का भी लगभग सभी लड़कियों ने अपने बयान में उल्लेख किया। बात-बात में लड़कियों की पिटाई कर्मियों की आदत सी हो गई थी। चंदा, मीनू और किरण इन्हें सबसे अधिक प्रताडि़त करती थीं। लड़कियों को झाड़ू-पोछा करवाने से लेकर रोटी बनाने तक के लिए बाध्य किया जाता था। इन्कार करने पर पिटाई की जाती थी।
ब्रजेश का ऑफिस था टॉर्चर रूम
लड़कियों को ब्रजेश ऊपर से नीचे अपने ऑफिस में लाता था। उसका ऑफिस ऐसी लड़कियों के लिए टॉर्चर रूम बना था। यहां शरीर के विभिन्न अंगों को लक्ष्य कर डंडे से पिटाई की जाती थी। इसकी कहीं वे शिकायत भी नहीं कर पाती थीं। किसी बात को लेकर विरोध होने पर महिला कर्मी फोन कर ब्रजेश को बुलाते थे और फिर वह ऐसी लड़कियों को अपने ऑफिस में लाकर टॉर्चर करता था।
प्रताडऩा से तंग एक लड़की ने लगा ली थी फांसी
अपने बयान में एक लड़की ने दावा किया है कि प्रताडऩा से तंग आकर बालिका गृह में एक लड़की ने फांसी लगा ली थी। यह मामला रफा-दफा कर दिया गया था।
ब्रजेश सहित सात की जमानत अर्जी हो चुकी खारिज
आरोपित ब्रजेश ठाकुर सहित सात की जमानत अर्जी को विशेष पॉक्सो कोर्ट ने पिछले सप्ताह खारिज कर दी थी। जमानत अर्जी खारिज किए जाने वाले अन्य आरोपितों में मीनू देवी, इंदू देवी, मंजू देवी, किरण कुमारी, हेमा मसीह व चंदा देवी हैं।
ब्रजेश ठाकुर से जेल में होगी पूछताछ
बालिका गृह यौन हिंसा मामले में ब्रजेश ठाकुर व पांच अन्य को तीन दिनों के रिमांड पर लेने की आइओ की अर्जी को पिछले दिनों खारिज कर दिया था। आरोपितों में सीडब्ल्यूसी के सदस्य विकास कुमार, अधीक्षका इंदू कुमारी, चंदा देवी, किरण कुमारी व हेमा मसीह शामिल हैं।
हालांकि, कोर्ट ने जेल में जाकर उनसे पूछताछ की अनुमति पुलिस को दी है। कोर्ट ने इसके लिए जेल प्रशासन को भी एक पत्र भेजा है, जिसमें पूछताछ में पुलिस अधिकारी को सहयोग करने का आदेश दिया है। अब तक पुलिस जेल में जाकर पूछताछ नहीं की है।
31 मई को दर्ज हुई थी प्राथमिकी
'कोशिश' संस्था की रिपोर्ट में बालिका गृह में यौन हिंसा का मामला उजागर होने के बाद 31 मई को जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने महिला थाने में अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने बालिका गृह के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर व सात महिलाओं को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाते हुए तीन जून को गिरफ्तार किया था।
इनमें मीनू देवी, इंदू देवी, मंजू देवी, किरण कुमारी, हेमा मसीह, चंदा देवी व नेहा कुमारी के नाम शामिल हैं। ये महिलाएं बालिका गृह की कर्मचारी हैं। बाद में बालिकाओं की शिनाख्त व बयान पर बाल कल्याण समिति के सदस्य विकास कुमार व सीपीओ रवि रोशन को भी गिरफ्तार किया गया था। जबकि, जांच में पुलिस की ओर से आरोपित बनाए गए समिति के अध्यक्ष दिलीप कुमार वर्मा फरार हैं।