मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में जल्द होगी संक्रामक बीमारियों की संपूर्ण जांच
तीन माह में स्थापित होगी लैब, निविदा की प्रक्रिया पूरी, एसकेएमसीएच में 1.5 करोड़ की लागत से बनेगी वायरोलॉजिकल लैब।
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में 1.5 करोड़ की लागत से वायरोलॉजिकल लैब बनेगी। इसे तीन माह के अंदर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। निविदा की प्रक्रिया पूर्ण होने की सूचना दी गई। बताया कि यह उत्तर बिहार की पहली मॉडर्न लैब होगी, जहां वायरस संबंधित बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संपूर्ण जांच हो सकेगी। यहां जांच शुरू होने से पटना, लखनऊ या अन्यत्र सैंपल भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए तत्कालीन प्राचार्य व अधीक्षक लंबे समय से प्रयासरत थे। इनके प्रयास से वायरोलॉजिकल लैब के प्रोजेक्ट को सफलता मिली है। यह योजना केंद्र सरकार की है।
लैब में क्या होगी जांच
एसकेएमसीएच में खतरनाक एईएस व स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों की जांच में सुविधा होगी। इसके अलावा डेंगू, चिकनगुनिया, इन्फ्लुएंजा, रेबीज, खसरा, हेपेटाइटिस, येलो फीवर, पोलियो, चेचक, एड्स आदि तमाम वायरल बीमारियों की जांच होगी। इसमें कई बीमारियां ऐसी हैं, जिनकी जांच की व्यवस्था एसकेएमसीएच में नहीं है।
पहले कहां होती थी जांच
एईएस व स्वाइन फ्लू के साथ कई वायरल बीमारियों के संदिग्ध मरीजों को पटना आरएमआरआइ व अन्य जगह जाना पड़ता था। वहीं भर्ती मरीजों का अस्पताल से सैंपल लेकर भेजा जाता। लैब खुलने से इस चक्कर से छुटकारा मिलेगा। माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद कुमार मिश्रा व एनाटोमी विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि इसे आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की योजना के तहत मेडिकल कालेज में वायरोलॉजिकल लैब की स्थापना हो रही। श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब का होना बहुत जरूरी था। लैब की स्थापना की स्वीकृति मिली है। इसके खुलने से उत्तर बिहार के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।