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जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा, किसी भी हालत में देश की साझी विरासत को तोड़ने नहीं देंगे

कहा मेरी लड़ाई नैतिक है राजनैतिक नहीं। देश में चल रही कुर्सी बचाए रखने की साजिश। नागरिकता का शिगूफा छोड़ देश को बांटने की राजनीति।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 02:34 PM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2020 02:34 PM (IST)
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा, किसी भी हालत में देश की साझी विरासत को तोड़ने नहीं देंगे
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा, किसी भी हालत में देश की साझी विरासत को तोड़ने नहीं देंगे

शिवहर, जेएनएन। किसान मैदान में रविवार को छात्र संघ नेता कन्हैया कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को निशाने पर लिया। संविधान एवं देश की गंगा जमुनी तहजीब का हवाला देकर उन्होंने कई व्यंग्य कहे।

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कहा कि देश की जनता को आपस में कोई दिक्कत नहीं है। परेशानी मौजूदा सरकार को है। उसकी राजनीति खतरे में है। इसीलिए नागरिकता संशोधन के नाम पर देश की जनता को कई भागों में विभक्त कर दिया गया है। आह्वान किया कि इस गंदी सियासत का हम सब मिलकर खात्मा करें।

ब्रिटिश हुकूमत से लेकर अब तक उन नामचीन मुस्लिम रहनुमाओं के नाम गिनाए, जिसने देश की आजादी में अपनी कुर्बानी दी या फिर जिनकी नेकनामी की दुनिया कायल है। मजाहिया लहजे में कहा कि अच्छा हुआ हम चुनाव हार गए, वरना मुझे भी संसद में झूठ की पोटली बजट सत्र का भाषण सुनना पड़ता। कहा, मैं गरीब परिवार से हूं लेकिन, ईमान का सौदा नहीं कर सकता। अगर करता तो आज आपके साथ नहीं होता।

इसके साथ ही सरकार संचालित हर योजनाओं एवं स्लोगन पर कटाक्ष करते हुए मोदी सरकार को अवसरवादी एवं झूठा करार दिया।

मौजूद भीड़ को अपने हक की लड़ाई के लिए प्रेरित किया‌। कन्हैया ने कहा कि सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर किसी भी हाल में लागू नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए आंदोलन जितना लंबा चलेगा हम सभी तैयार हैं। वहीं 29 फरवरी 20 को पटना गांधी मैदान में पहुंचने का न्योता दिया।

मंच पर नगर पंचायत अध्यक्ष अंशुमान नंदन सिंह, पूर्व जिप अध्यक्ष श्रीनारायण सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मो. असद सहित अन्य की मौजूदगी देखी गई। जबकि कार्यक्रम को सफल बनाने में भीम आर्मी एकता संगठन, भाकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक, ह्यूमन सोशल वेलफेयर ट्रस्ट की सामूहिक सहभागिता थी।

प्रशासन की ओर से सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता देखने को मिली। सभी चौक चौराहों पर अतिरिक्त एवं पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती थी। एसडीपीओ राकेश कुमार सभी थानाध्यक्षों एवं दंडाधिकारियों को स्वयं लीड करते दिखे। एक अन्य राजनीतिक संगठन ने कन्हैया कुमार के कार्यक्रम का विरोध करना चाहा था लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ। 


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