मृदुला की जुबान पर रहता था साग-पात खोटी-खोटी जीवन गवैबई, हे मिथिले में रहबई
Dr. Mridula Sinha in Memory समा चकेवा के गीत गाकर मोदी के पीएम बनने का पहली बार मंगा था समर्थन। महामहिम रहते नियमित घर पर आना अपनों के बीच संगत-पंगत करना उनको खूब पंसद था। विश्वविद्यालय परिसर में जहां फेंका जाता था कचरा वहां बनवा दिया सुंदर पार्क।
मुजफ्फरपुर, अमरेंद्र तिवारी। सरल स्वभाव की धनी गोवा की पूर्व राज्यपाल डॉ.मृदुला सिन्हा की जुबान पर बिहार के पारंपरिक गीत रहते थे। बड़ा मंच हो या छोटी काव्य गोष्ठी उसका समापन वह पारंपरिक गीतों से जरूर करती थीं। जब वह गीत शुरू होता तो श्रोता समझ जाते कि अब कार्यक्रम का समापन हो रहा है। इस खास पहचान को अपने संग लेकर वह सदा के लिए विदा हो गईं। वह कहती थीं कि मिथिला की पावन नगरी से जाने का कहां किसी का मन करता है अपनी बात को गीतों के माध्यम से कुछ इस तरह वह प्रस्तुत करती थीं।
अपना किशोरी जी के टहल बनैबई, हे मिथिले में रहबई। हमरा नई चाही सुख आराम, हे मिथिले में रहबई।
साग-पात खोटी-खोटी जीवन गवैबई, हे मिथिले में रहबई...।
स्वच्छता को लेकर रहती थीं काफी सजग
डॉ.सिन्हा के नवरत्न में शामिल रहे बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक कहते हैं कि स्वच्छता को लेकर वह काफी सजग रहती थीं। जब भी यहां आईं नवरत्नों से मिलकर शहर की सफाई पर चर्चा कर उनको प्रेरित करती रहती थीं। उन्होंने कहा कि कलमबाग से खबड़ा रोड में विश्वविद्यालय परिसर में एक जगह पर पार्क के लिए चिह्नित जगह पर कचरे का अंबार लगा रहता था। उन्होंने व्यक्तिगत पहल की और पूरे पानी टंकी परिसर के पास सफाई अभियान चलाकर उसे सुंदर पार्क का रूप दिया। महामहिम के पद पर रहते हुए एक आम आदमी की तरह व्यवहार रखना समाज के लिए मिसाल रहा। अब कहां ऐसे लोग मिलते। यहां जब भी आईं बाबा गरीबनाथ के दरबार में पूजा करती थीं। अगर नहीं आ पाईं तो प्रसाद मंगाती थीं। नवरत्न अजय नारायण सिन्हा ने कहा कि उनके योगदान को यह शहर भुला नहीं सकता। उन्हें सदा याद किया जाएगा।
होटल में रहने पर होती थी नाराज
गोवा की राज्यपाल रहते हुए मुजफ्फरपुर के लोगों के लिए गोवा का राजभवन 24 घंटे खुला रहता था। अगर कोई परिचित उनसे मिलने गया और बाहर होटल में रहने की बात करता तो वह नाराज हो जाती थीं। लघु उद्योग भारती के पूर्व अध्यक्ष भारत भूषण बताते हैं कि 14 नवंबर 2017 को वे सपरिवार गोवा पहुंचे। डॉ.मृदुला को मोबाइल पर कॉल की। उन्होंने भोजन पर बुलाया। भोजन करने के दौरान पूछा कहां ठहरे हैं। जब पता चला कि होटल में हैं तो नाराज हुईं। कहा कि मेरे गांव से जो आए उसको बाहर रहने की जरूरत नहीं। पत्नी किरण बंसल साथ थीं। एक बहू की तरह वस्त्र, खोईंछा देकर विदा किया। अपनी मिïट्टी से उनको बहुत लगाव था।
ये हैं उनके मुजफ्फरपुर के नवरत्न
डॉ.मृद़ुला सिन्हा के नवरत्न में मुजफ्फरपुर में तत्कालीन नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा, प्रोफेसर डॉ.तारण राय, वरीय चिकित्सक वीरेंद्र किशोर, बाबा गरीबनाथ के प्रधान पुजारी विनय पाठक, सरदार योगेंद्र ङ्क्षसह गंभीर, डॉ.शालिनी, दीपक पोद्दार, प्रो.एचएस हमीदी, अधिवक्ता अजय नारायण सिन्हा शामिल रहे।