मुजफ्फरपुर में सरकारी जमीन की जमाबंदी मामले में पूर्व सीओ व सीआइ पर कसा शिकंजा
मुशहरी के तत्कालीन सीआइ व वर्तमान में कुढऩी सीओ रंभू ठाकुर पर विभागीय कार्यवाही का आदेश।अंचल के तत्कालीन सीओ व वर्तमान में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दीपेंद्र भूषण पर लगे आरोप की रिपोर्ट श्रम विभाग ने तलब की है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सरकारी जमीन की जमाबंदी निजी व्यक्ति के नाम करने के मामले में मुशहरी के तत्कालीन सीआइ व वर्तमान में कुढऩी के सीओ रंभू ठाकुर के खिलाफ विभागीय कार्यवाही का आदेश राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने दिया है। वहीं मुशहरी के तत्कालीन सीओ व श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दीपेंद्र भूषण पर लगे आरोप की रिपोर्ट श्रम विभाग ने तलब की है।
मालूम हो कि पताही के अमरनाथ ठाकुर ने विभाग में शिकायत की थी कि सरकारी जमीन की जमाबंदी करने में तत्कालीन राजस्व कर्मचारी रामदेव महतो के साथ मुशहरी के तत्कालीन सीओ व सीआइ की मिलीभगत है। मामले की जांच तत्कालीन डीसीएलआर पूर्वी कपिलेश्वर मिश्रा से कराई गई। इसमें सभी को दोषी माना गया। विभाग के स्तर से बार-बार रिपोर्ट मांगी गई। मगर, मामला दबा रहा। इस वर्ष जनवरी में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने रंभू ठाकुर के खिलाफ आरोप पत्र भेजा। इसमें कहा गया कि सीआइ के रूप में रंभू ठाकुर की ओर से दाखिल-खारिज के मामले में राजस्व कर्मचारी द्वारा की गई अनियमितता की अनदेखी की गई। साथ ही उसकी अनुशंसा की गई। यह कृत्य उनकी संलिप्तता एवं त्रुटियों को संरक्षित करने का परिचायक है। इसे देखते हुए रंभू ठाकुर पर विभागीय कार्यवाही संचालित किया जाना जरूरी है। इस पत्र के बाद राजस्व विभाग ने रंभू ठाकुर पर विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश दिया। इसके लिए अपर समाहर्ता को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। समाहर्ता को अनुमंडल स्तर के पदाधिकारी को उपस्थापन पदाधिकारी नियुक्त करने को कहा गया है।वहीं श्रम विभाग के संयुक्त श्रमायुक्त ने इस मामले में तत्कालीन सीओ दीपेंद्र भूषण पर लगे आरोप के बारे में डीएम से रिपोर्ट भेजने का आग्रह किया है। ताकि, आगे की कार्रवाई की जा सके।
नल जल योजना को लेकर प्राथमिकी की चेतावनी
नल जल योजना के क्रियान्वयन में उदासीनता को लेकर प्रखंड की बडग़ांव पंचायत के वार्ड नंबर 10, 11,12 एवं मुन्नी बैंगरी पंचायत के वार्ड 11 के वार्ड सदस्य को बीडीओ अलख निरंजन ने पत्र भेजकर कार्रवाई की चेतावनी दी है। बीडीओ ने पत्र जमें लिखा कि चार दिन के भीतर नल जल योजना से जलापूर्ति शुरू करें,ें अन्यथा संबंधित वार्ड सदस्यों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इधर, ग्रामीणों ने बताया कि सीएम की सख्ती और राशि खर्च के बावजूद उनलोगों के नल से अबतक एक बूंद जल भी नहीं निकला है। कार्य की गुणवत्ता भी संतोषप्रद नहीं है। स्थल जांच हो तो बड़ी गड़बडिय़ां सामने आ सकती हैं।