Lockdown का पालन और लोगों की सजगता से मुजफ्फरपुर अब तक ग्रीन जोन में, लेकिन खतरा ...
Lockdown 1024 प्रवासियों और 12 जामातियों की क्वारंटाइन की अवधि पूरी। 14 दिनों की अवधि पूरी होने के बाद शारीरिक दूरी का पालन करते हुए रहने की दी अनुमति।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में लॉकडाउन का एक माह पूरा हो गया है। यहां अब तक एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं मिला है। सिविल सर्जन की मानें तो लॉकडाउन का पालन व सभी लोगों की सजगता से अभी तक जिला ग्रीन जोन में है। लॉकडाउन के पहले व बाद में जिले में विदेशों से 590 और दूसरे प्रदेशों से 4998 प्रवासी आए। सभी की स्क्रीनिंग व जांच के बाद 1024 लोगों को होम क्वारंटाइन पर रखा गया था। इसके साथ 12 जमातियों को भी अलग रखा गया था। सभी की 14 दिनों की अवधि पूरी होने पर उन्हें परिवार के साथ रहने की अनुमति देते हुए शारीरिक दूरी का पालन करने का सुझाव दिया गया है।
दोबारा सर्वे चल रहा
इधर विदेशों से आए लोगों में 320 को चिह्नित कर वे जिस गांव नें रह रहे हैं वहां का दोबारा सर्वे चल रहा है। इधर बुधवार को सदर अस्पताल में 194 व एसकेएमसीएच में 65 लोगों की स्क्रीनिंग हुई। वहीं, आठ नमूने संग्र्रहित किए गए। अब तक 282 नमूनों की जांच रिपोर्ट आ गई है। ये सभी निगेटिव हैं। वहीं, दो दिन पहले राज्य के दूसरे जिलों के पांच कोरोना पॉजिटिव के साथ सफर करने वाले 31 लोगों की मुख्यालय से भेजी गई सूची के आधार पर उनकी खोज की जा रही है।
जमातियों को भी घर जाने की दी गई सहमति
दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज के तब्लीगी जमात से सकरा वापस लौटे एक मदरसा में क्वारंटाइन रखे गए 12 लोगों से दूसरी बार पूछताछ व स्क्रीङ्क्षनग करने के बाद मेडिकल टीम ने जांच की। सभी स्वस्थ मिले। सिविल सर्जन डॉ.एसपी ङ्क्षसह ने बताया कि सकरा रेफरल अस्पताल से इनके क्वारंटाइन पूरा होने की जानकारी मिली है। इन सभी के नमूनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। सभी के स्वस्थ मिलने पर घर जाने की सहमति दे दी गई है।
जांच के लिए भी रोस्टर
एसकेएमसीएच अधीक्षक ने कहा कि डॉ.सुनील शाही एसकेएमसीएच में हर पाली में चिकित्सक व पारा मेडिकल स्टाफ का रोस्टर बना है। प्रति पाली में पांच लोग रहते हैं। जांच के लिए भी रोस्टर है। सभी चिकित्सकों व पारा मेडिकल स्टाफ की सेवाएं ली जा रही हैं। अब तक एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं मिला है। इलाज व दवा की पूरी व्यवस्था है।
ये हैं व्यवस्थाएं
- एसकेएमसीएच में कोविड केयर सेंटर 310 बेड तो सदर अस्पताल में 100 बेड का इंतजाम
-अस्पताल के बदले अब होटल, स्कूल व धर्मशाला का क्वारंटाइन सेंटर के रूप में हो रहा उपयोग
- एसकेएमसीएच में नियिमित 10 से 15 ऑपरेशन होते थे। उन्हें रोका गया है। लॉकडाउन में इमरजेंसी में जो भी मरीज आए सबका ऑपरेशन हो रहा है। डिलीवरी भी कराई जा रही है।
- सदर अस्पताल में भी हर सप्ताह 5 से 7 ऑपरेशन होते थे। इन्हें रोका गया है। इमरजेंसी में ऑपरेशन व डिलीवरी चल रही है।
- सदर अस्पातल में भी प्रति पाली में एक चिकित्सक व चार पारा मेडिकल स्टाफ पाली के हिसाब से काम कर रहे हैं।