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उत्तर बिहार में बाढ़ का कहर जारी, दो की मौत Muzaffarpur News

चंपारण सीतामढ़ी मधुबनी दरभंगा और मुजफ्फरपुर जिले के कई गांवों में घुसा पानी। पश्चिम चंपारण में कई स्थानों पर सड़कों पर बह रहा पानी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 08:03 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 08:03 PM (IST)
उत्तर बिहार में बाढ़ का कहर जारी, दो की मौत Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। उत्तर बिहार में गुुरुवार को भी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी रही। चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जिले के कई गांवों में बाढ़ का कहर जारी रहा। रक्सौल में त्रिवेणी नहर का तटबंध टूट गया। इससे कई गांवों में पानी फैल गया है। सीतामढ़ी में राहत को लेकर लोगों ने हंगामा किया। दरभंगा जिले के बाढ़ प्रभावित 14 प्रखंडों और शहरी क्षेत्र में बागमती, जीवछ व कमला बलान के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा। जाले में बाढ़ पीडि़तों ने अंचल कार्यालय पर धरना दिया। साथ ही प्रखंड प्रमुख -उप प्रमुख को बंधक बनाए रखा। बाढ़ के पानी में डूबने से दो लोगों की मौत हो गई। एक लापता है। 

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पश्चिम चंपारण जिले में पहाड़ी नदियों के जलस्तर में कमी आई है। लेकिन, कई जगहों पर कटाव शुरू हो गया है। पथरी गांव अभी भी बाढ़ के पानी से घिरा है। दोन के 22 गांवों का सड़क संपर्क तीसरे दिन भी भंग रहा। गंडक नदी के जलस्तर में कमी आई है। गुरुवार शाम गंडक बराज से 98 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। रामनगर प्रखंड की गुदगुदी पंचायत के गांवों को मसान नदी के कहर से बचाने के लिए बना पायलट चैनल और पारको पाइन बांध का नामोनिशान मिट गया है। पीपी तटबंध की ठोकर संख्या चार भुईधरवा के पास गंडक नदी का दबाव बना है।

चौतरवा प्रखंड के परसौनी से बरिअरवा जाने वाली मुख्य सड़क पर परसौनी व हरपुर के बीच दो फीट पानी बह रहा है। एनएच- 727 पर सिरौना व पचफेड़वा गांव के बीच डेढ़ फीट पानी बह रहा है। पंडई और मनियारी नदी का पानी निचले इलाकों में फैल गया है। नरकटियागंज से सहोदरा और बलथर जाने वाली सड़क पर एक से दो फीट पानी बह रहा है। इससे आवागमन ठप है। लौरिया- नरकटियागंज संपर्क पथ भंग हो गया है। लौरिया में डायवर्सन से ऊपर बह रहे सिकरहना नदी के पानी से अशोक का स्तंभ का इलाका जलमग्न हो गया है। लौरिया-बगहा रोड भी बंद है।

गोबरौरा पंचायत के बिरती मटियरिया बघलोचना बंगाली कॉलोनी व धांगड़टोली में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। सिकटा से बिरईठ जाने वाली सड़क में बर्दही लचका पर ओरिया नदी का पानी चढ़ गया है। जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सिकटा नदी का पानी घुस गया है। दर्जनों गांव बाढ़ से घिरे हैं। कदमवां, मगलहिया व गोपालपुर थाना के पश्चिम सुरक्षा बांध को पार कर काफी तेजी से खेतों में पानी भर गया है। सिकटा व मैनाटांड प्रखंड मुख्यालय से अनुमंडल मुख्यालय का संपर्क भंग हो गया है। भंगहा थाना क्षेत्र के गदियानी गांव में ओरिया नदी ने एक घर को अपने आगोश में ले लिया। डर से आधा दर्जन लोगों ने अपने आशियाने उजाड़ दिए।

पूर्वी चंपारण में सिकरहना नदी का पानी सुगौली शहर में प्रवेश कर गया है। थाने के आसपास पानी फैलने लगा है। लोग फिर ऊंचे स्थलों पर शरण लेने लगे हैं। बंजरिया के एक दर्जन गांवों में दोबारा पानी प्रवेश कर गया है। बागमती व लालबकेया का पानी पताही के आधा दर्जन गांवों में प्रवेश कर गया है। बंगरी नदी के दबाव से रामगढ़वा प्रखंड के बेलहिया गांव के पास त्रिवेणी नहर का तटबंध करीब तीस फीट तक टूट गया है। बाढ़ का पानी चंपापुर पंचायत के बेलहिया, मनना, चंपापुर, रघुनाथपुर, चड़वा आदि दर्जनों गांव में फैल गया है।

मधुबनी जिले में कमला बलान समेत अन्य नदियों के जलस्तर में कमी नहीं आई है। मधेपुर प्रखंड क्षेत्र में कोसी, भुतही बलान व कमला नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी रही। इससे कोसी दियारा क्षेत्र के कई गांवों बाढ़ का पानी फैल गया है। पशुचारा एवं पेयजल की किल्लत से लोग जूझ रहे हैं। कोसी प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुदामा राय ने बताया कि गुरुवार दोपहर बराज से कोसी नदी में 1 लाख 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। एनएच 104 पर जयनगर-लदनियां के बीच पद्मा गांव के पास धौरी नदी के डायवर्सन पर तीन फीट पानी बह रहा है। इससे लदनियां का जयनगर अनुमंडल मुख्यालय सड़क संपर्क भंग हो गया है। गागन नदी से अज्ञात युवक शव मिला। आशंका है कि डूबने से मौत हो गई।

समस्तीपुर जिले के कई हिस्सों में बाढ़ का कहर जारी रहा। सीतामढ़ी जिले में जारी मूसलाधार बारिश से बागमती और अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। सोनबरसा और सुप्पी के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। पुपरी और बोखड़ा के नए इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग परेशान हैं। पुपरी प्रखंड के गंगापटटी समेत कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं।

सीतामढ़ी शहर के कई मोहल्ले बाढ़ के पानी की गिरफ्त में हैं। बांध, हाईवे और रेलवे ट्रैक पर प्लास्टिक टांग रह रहे विस्थापितों की ङ्क्षजदगी पर बारिश का पानी कहर बरपा रहा है। राहत को लेकर मेहसौल और राजोपट्टी के बाढ़ पीडि़तों ने सीतामढ़ी-डुमरा मुख्य पथ को जाम कर उग्र प्रदर्शन किया। सीतामढ़ी जिले का पूर्वी चंपारण, मधुबनी, शिवहर तथा पड़ोसी देश नेपाल से लगातार 16 वें दिन भी सड़क संपर्क भंग रहा। शिवहर में बागमती का जलस्तर खतरे के निशान से 1.37 मीटर ऊपर है। पिपराही और शिवहर प्रखंड के निचले हिस्सों में पानी फैल गया है। एसएच -54 (शिवहर -पिपराही पथ) पर मुख्यालय से आगे पानी चढ़ गया है। एनएच 104 शिवहर - सीतामढ़ी पथ पर डुब्बा पुल एवं पूर्वी तटबंध के बीच पानी चढ़ा है।

दरभंगा जिले के बाढ़ प्रभावित 14 प्रखंडों और निगम क्षेत्र के मोहल्लों में बागमती, जीवछ व कमला बलान के जलस्तर में कमी आई है। वहीं, सदर प्रखंड में जीवछ के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। छोटाइपट्टी, रानीपुर, अतिहर में पानी घुसने का सिलसिला जारी है। ङ्क्षसहवाड़ा के चमनपुर, कलिगांव, भरौली, टेकटार, अरई में बागमती के जलस्तर में वृद्धि हुई है। गौड़ाबौराम के बंगरहट्टा में बाढ़ के पानी में डूबने से एक वृद्ध की मौत हो गई। एक की खोज की जा रही है। कुशेश्वरस्थान की 14 पंचायतों में स्थिति गंभीर बनी है। मुजफ्फरपुर जिले के कटरा और औराई प्रखंड के दर्जनों गांव पानी से घिरे हैं।  


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