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बिहार: लापता हो गए पांच थानेदार, एक डीएसपी व रीडर की भी हो रही तलाश

निगरानी की कार्रवाई शुरू होते ही बिहार के मुजफ्फरपुर के पांच थानेदार, एक डीएसपी और रीडर लापता हो गए। इनका मोबाइल फोन भी बंद है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 19 Apr 2018 08:31 AM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 06:54 PM (IST)
बिहार: लापता हो गए पांच थानेदार, एक डीएसपी व रीडर की भी हो रही तलाश

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार के मुजफ्फरपुर के निलंबित एसएसपी विवेक कुमार के ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की छापेमारी शुरू होते ही एसएसपी आवास के एक रीडर समेत मुजफ्फरपुर के पांच थानों के थानाध्यक्ष व एक डीएसपी ड्यूटी से लापता बताए जा रहे हैं।

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इनमें से डीएसपी व दो थानेदारों ने बुधवार को अपनी छुट्टी का आवेदन दे दिया है, पर लापता रीडर का कोई सुराग नहीं मिल रहा है। यहां तक कि उसने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर रखा है। जबकि लापता तीन अन्य थानेदारों ने अबतक न तो अपने अवकाश का कोई आवेदन दिया है और न ही उनके बारे में कोई आधिकारिक सूचना ही उपलब्ध है।

इतना नहीं, निलंबित एसएसपी के ठिकानों पर एसवीयू की कार्रवाई शुरू होने के बाद शहर के दो वकील और पांच व्यवसायी भी लापता हैं। इनमें एक होटल व्यवसायी भी है। ऐसे में न केवल एसवीयू की जांच प्रभावित हो रही है, बल्कि एसएसपी आवास की गोपनीय शाखा से बरामद देसी कारबाइन और तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार व अन्य पुलिस पदाधिकारियों के साथ शराब माफिया की सांठगांठ के आरोपों की जांच पर भी असर पड़ रहा है। बरामद कारबाइन एसएसपी आवास स्थित गोपनीय शाखा के कार्यालय से सोमवार की देर रात ही बरामद की गई थी। इस संबंध में लापता रीडर दिनेश कुमार यादव ही कुछ बता सकता है।

एसवीयू सूत्रों की मानें तो एसएसपी आवास का रीडर दिनेश कुमार यादव छापेमारी के बाद से ही लापता है। एसएसपी के आवासीय कार्यालय में तीन रीडर तैनात हैं। इसमें दो तो उपलब्ध हैं लेकिन एक का पता नहीं चल रहा है। सूत्रों ने यहां तक बताया कि रीडर के बयान पर ही अवैध हथियार की बरामदगी मामले में प्राथमिकी दर्ज कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मुजफ्फरपुर के पांचों थानाध्यक्षों व एक डीएसपी के अचानक छुट्टी पर चले जाने के संबंध में बताया जा रहा है कि ये सभी पुलिस पदाधिकारी अवैध कारबाइन की बरामदगी और शराब माफिया से एसएसपी समेत जिले के अन्य पुलिस अधिकारियों के संबंध में जानकारी रखते हैं। अब पूछताछ से बचने को ये या तो अवकाश पर चले गए हैं या फिर लापता हैं।


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