रक्सौल से पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन बनी मिथिला एक्सप्रेस, यात्रियों में खुशी का माहौल
एरिया ऑफिसर व स्टेशन प्रबंधक ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना। इलेक्ट्रिक ट्रेन से वायु प्रदूषण में आएगी कमी डीजल के लिए दूसरे देश पर होगी निर्भरता में आएगी कमी।
रक्सौल, जेएनएन। रक्सौल से हावड़ा के बीच चलने वाली मिथिला एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार को इलेक्ट्रिक इंजन के साथ रवाना हुई। इस ट्रेन को रक्सौल से क्षेत्रीय अधिकारी मुकुंद बिहारी व स्टेशन प्रबंधक अनिल कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके पूर्व चालक दशरथ रजक, उप चालक एसके सिंह व गार्ड मिथिलेश दास ने नारियल फोड़ पूजा-अर्चना किया। ट्रेन के खुलते ही यात्रियों में खुशी का माहौल देखा गया।
मुजफ्फरपुर-रक्सौल रेल खंड के विद्युतीकरण कार्य होने के बाद पहली इलेक्ट्रिक मालगाडिय़ों का परिचालन बीते तीन जनवरी से शुरू हुआ। इसके बाद मुजफ्फरपुर-रक्सौल रेल खंड पर यह ट्रेन पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन का गवाह बनी। क्षेत्रीय अधिकारी व स्टेशन प्रबंधक ने बताया कि इलेक्ट्रिक ट्रेन से कई फायदे है। इससे वायु प्रदूषण में कमी आएगी। वहीं डीजल के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी।
बंद डीजल इंजन को स्टार्ट करने में लगभग पच्चीस लीटर डीजल की खपत होती है। इलेक्ट्रिक इंजन को स्टार्ट करने में खपत डीजल के मूल्य से कम खर्च होता है। यह ट्रेन डीजल इंजन की तुलना में शीघ्र गति पकड़ेगी। ब्रेक भी पावर ब्रेक जैसा काम करेगा। इंजन में कपकपाहट कम रहती है। डीजल ट्रेन से अधिक गति से चलती है।
शीघ्र ही डेमू जैसी इलेक्ट्रिक पावर चलाया जाएगा। ताकि स्टेशनों पर इंजन घूमाने का झंझट खत्म हो जाएगी। मौके पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर उमेश कुमार, स्टेशन मास्टर अनुजय यादव, जेई सिग्नल सतीश कुमार, मुख्य क्रू नियंत्रक मो. जावेद सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।