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इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट में अगलगी से मची अफरातफरी, बीते तीन माह में दो बार लग चुकी आग

भारत-नेपाल सीमा पर प्रखंड क्षेत्र के पनटोका पंचायत में स्थित है देश का दूसरा सबसे बड़ा इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट। वर्ष 2018 में भी हुई थी अगलगी सुरक्षा व्यवस्था व प्रबंधन पर सवाल।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 25 May 2019 07:28 PM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 07:28 PM (IST)
इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट में अगलगी से मची अफरातफरी, बीते तीन माह में दो बार लग चुकी आग
इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट में अगलगी से मची अफरातफरी, बीते तीन माह में दो बार लग चुकी आग

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। रक्सौल प्रखंड क्षेत्र के पनटोका पंचायत स्थित आईसीपी में शनिवार को आग लग गई। जिसे अफरातफरी मच गई। भारत और नेपाल की तरफ ही गाडिय़ों को रोक दिया गया। अधिकारियों ने इसकी सूचना अग्निशमन कार्यालय को दी। अग्निशामक के पहुंचने से पहले तक आग भयावह रूप ले लिया था। आइसीपी परिसर में हरे-पेड़ पौधे जलने लगे थे। आसपास के बस्ती के लोगों में अगलगी को देख दहशत छा गया। तेज गर्मी व हवा के बीच आईसीपी में अगलगी से अधिकारी भी बेचैन हो गए।

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 एलपीजी सहित अन्य केमिकल से लदे मालवाहक ट्रकों को परिसर से खाली कराया गया। घंटों मशक्कत के बाद अगलगी पर काबू पाया गया। आग दिन के करीब एक बजे लगी थी। बता दें कि मार्च से लेकर मई माह के बीच अगलगी की यह दूसरी बड़ी घटना है। देश के दूसरे सबसे बड़े इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट में आग लगना प्रबंधन पर सवाल उठाता है। आसपास के लोगों का कहना है कि इतने बड़े क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से प्रवेश निषेध है तो फिर आग कैसे लग रही है। सरकार इसे गंभीरता से लेकर इसकी जांच करें। साथ ही संसाधनों की माकूल व्यवस्था करें। जिसे कि भविष्य में किसी तरह की अनहोनी की संभावना को रोका जा सकें।

  आग आईसीपी के अंदर झाड़ी में लगी है। जिसमें दर्जनों पेड़ जलकर राख हो गये। हालांकि इस अगलगी में कितने की क्षति हुई है इसका अनुमान नहीं किया गया है। इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि अगलगी की सूचना पर अग्निशामक चेकपोस्ट गया था। लेकिन अधिकृत रूप से आईसीपी के द्वारा इस तरह की कोई सूचना नहीं मिली है। पता चला है कि आग जंगल झाड़ी में लगी थी। लेकिन, इतने बड़े जगह पर बार-बार आग का लगना जांच का विषय है। इस संबंध में वरीय अधिकारियों को सूचना दी जाएगी। वहीं आईसीपी के इंचार्ज सौरभ कुमार ने बताया कि अगलगी की घटना हुई है। मैं अभी बाहर हूं। पहुंच कर विशेष जानकारी दी जाएगी।

पिछले वर्ष भी लगी थी आग

भारत-पाकिस्तान के अटारी बॉर्डर के बाद भारत-नेपाल सीमा पर निर्मित यह देश का दूसरा सबसे बड़ा चेकपोस्ट है। जिसका निर्माण करीब चार वर्ष पूर्व हुआ था। जिसका संचालन वर्ष 2018 में शुरू हुआ है। सुरक्षा के ²ष्टिकोण से अतिमहत्वपूर्ण है। वहीं इसकी सुरक्षा में कई महत्वपूर्ण एजेंसियां कार्यरत है। इस चेकपोस्ट की सुरक्षा व्यवस्था इतनी सख्त है कि यहां पङ्क्षरदा भी पांव नहीं मार सकते है। अनाधिकृत लोगों का प्रवेश वर्जित है। मालवाहक ट्रक भी कागजातों के जांच के बाद ही प्रवेश करते है। इतनी सख्ती के बीच बीते वर्ष 2018 में भी अगलगी की घटना हुई थी। वहीं 2019 के मार्च से लेकर मई माह के अंदर दो बार अगलगी हो चुकी है। जो कई तरह के सवालों को खड़ा कर रहा है। 

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