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नगर निगम में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता, एजी ने मांगी रिपोर्ट

नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2016-17 में करोड़ों की अनियमितता को लेकर महालेखाकार कार्यालय ने नगर आयुक्त को रिपोर्ट भेजी है।

By Edited By: Published: Sun, 25 Nov 2018 01:40 AM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 01:40 AM (IST)
नगर निगम में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता, एजी ने मांगी रिपोर्ट

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिला नजारत में करोड़ों की वित्तीय अनियमितता के बाद अब नगर निगम में भी बड़ी गड़बड़ी पकड़ी गई है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में करोड़ों की अनियमितता को लेकर महालेखाकार कार्यालय ने नगर आयुक्त को रिपोर्ट भेजी है। इसमें 38 बिंदुओं पर आपत्ति उठाते हुए साक्ष्य के साथ अनुपालन रिपोर्ट भेजने को कहा है। जिसका एकरारनामा किया रद उसी एजेंसी से कॉम्पैक्टर की आपूर्ति एजी रिपोर्ट में कहा गया है कि निगम में कॉम्पैक्टर की खरीद में 13.65 लाख रुपये का अधिक भुगतान किया गया।
   वहीं 28.85 लाख रुपये का भुगतान अनियमित पाया गया। इस तरह इस खरीद में करीब 41 लाख रुपये की अनियमितता पाई गई। इस खरीद की टेंडर प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए हैं। बताया गया कि टेंडर में निविदादाता की दर की प्रति अलग पाई गई। इस पर हस्ताक्षर किसके हैं, यह पता नहीं चल सका। वहीं, टेंडर में कौन लोग भाग लिए, यह भी पता नहीं चल सका। निगम की ओर से तुलनात्मक विवरणी के खोने की बात कही गई। वहीं रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि समय से कॉम्पैक्टर की आपूर्ति नहीं होने से निगम ने एकरारनामा विखंडित कर दिया था।
   मगर, बाद में इसी एजेंसी से कॉम्पैक्टर की खरीद की गई। चार हजार लीटर के 10 स्टील वाटर टैंक की खरीद निगम में चार हजार लीटर की क्षमता वाले स्टील के 10 वाटर टैंक खरीदे गए। मगर, इसकी खरीद में भी गड़बड़ी मिली। रिपोर्ट के अनुसार महज 68 लाख की इस खरीद में 37 लाख 50 हजार रुपये का अधिक भुगतान कर दिया गया। नियम के विरुद्ध खरीद के कारण शेष 31 लाख रुपये के भुगतान को अनियमितता की श्रेणी में रखा गया। एजी ने भुगतान की भरपाई के लिए कदम उठाने का सुझाव दिया।
   सरकार के आदेश के विपरीत दैनिक मजदूरी में पांच करोड़ का खर्च सरकार के आदेश के विपरीत निगम में दैनिक मजदूरों से कार्य कराए गए। इस मद में पांच करोड़ से अधिक राशि खर्च की गई। आपत्ति के जवाब में निगम की ओर से बताया गया कि काम की अधिकता के कारण ऐसा किया गया। मगर, एजी ने जवाब को अमान्य करार दिया। सात कर्मचारियों को अनुचित तरीके से लाखों का भुगतान निगम के 70 कर्मचारियों को सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना का लाभ देने का आदेश दिया गया।
   इसमें से सात को एरियर राशि का भुगतान कर दिया गया। एजी की रिपोर्ट में कहा गया कि इस योजना का लाभ निगम के कर्मचारियों को नहीं दी जानी थी। इस तरह एरियर के रूप में सात कर्मचारियों को 28 लाख रुपये का अनियमित भुगतान कर दिया गया। इसके अलावा उन कर्मचारियों की सूची भी मांगी गई जिन्हें इस योजना का लाभ दिया गया। मगर, निगम की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। नगर आयुक्त संजय कुमार दुबे ने कहा कि एजी की रिपोर्ट आई है। मगर, उसका अभी अवलोकन नहीं किया गया है। जिन बिंदुओं पर आपत्ति होगी उसका जवाब तैयार किया जाएगा। 
   इन बिंदुओं पर भी आपत्ति -नक्शा पास करने में शेष राशि की वसूली नहीं, चार करोड़ का नुकसान -ट्रेड लाइसेंस नहीं वसूलने से 13 लाख की क्षति -संवेदकों से 37.95 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति राशि की वसूली नहीं -विज्ञापन एजेंसी से तीन वर्षो में भी 19 लाख की वसूली नहीं -मोबाइल टावर से वसूली नहीं होने पर सात लाख का नुकसान। टावर व एंटीना लगाने व नवीनीकरण शुल्क की बकाया राशि 161 लाख रुपये। - 269 लाख रुपये अग्रिम राशि का समायोजन नहीं
   -खनन सामग्री की ढुलाई में 11 लाख का अनियमित भुगतान -संदेहास्पद बिलों पर सात लाख रुपये से अधिक का भुगतान -रोकड़ बही में अनियमितता -लगभग दो करोड़ रुपये का अनावश्यक दूसरे खाते में हस्तांतरण पर भी आपत्ति।

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