Move to Jagran APP

Bihar: हाथियों की वंशवृद्धि के लिए पश्‍च‍िम चंपारण के वीटीआर लाई जाएंगी मादा हाथी

हाथियों के आ जाने से वीटीआर में गश्त करने में मिलेगी सहूलियत वीटीआर को विश्वस्तरीय ईको-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की कवायद तेज मादा हाथियों के पहुंचने के बाद आने वाले वर्षाें में निश्चित ही वीटीआर में हाथियों की संख्या बढ़ेगी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 01:01 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 05:08 PM (IST)
वंशवृद्धि को लेकर गंभीर वीटीआर प्रशासन कर्नाटक से चार मादा हाथी मंगाएगा।

पश्चिम चंपारण, [विवेक कुमार]। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में हाथी नहीं पाए जाते। जबकि यहां का पर्यावरण और वन संपदाएं हाथियों के लिए अनुकूल हैं। इसे देखते हुए वर्ष 2017 में वीटीआर प्रशासन ने कर्नाटक से चार हाथी मंगाए। इन हाथियों की पाठशाला लगी, उन्हें हिंदी सिखाया गया। अब तीन साल में ये हाथी यहां की आबोहवा में ढल चुके हैं। सभी चारों हाथी नर हैं। इसलिए वंशवृद्धि को लेकर गंभीर वीटीआर प्रशासन कर्नाटक से चार मादा हाथी मंगाएगा। इसकी तैयारी जोरशोर से चल रही है। मादा हाथियों के पहुंचने के बाद आने वाले वर्षाें में निश्चित ही वीटीआर में हाथियों की संख्या बढ़ेगी।

loksabha election banner

वीटीआर को विश्वस्तरीय ''ईको-पर्यटन'' केंद्र के रूप में विकसित करने के वन मंत्री के प्रयासों के बीच वीटीआर को आने वाले दिनों में कर्नाटक से चार और हाथियों का तोहफा मिलने जा रहा है। कर्नाटक से चार हाथी आने के बाद वीटीआर में हाथियों की संख्या आठ हो जाएगी। उनके आने से यहां काफी सुविधा भी हो जाएगी, जिसमें बारिश के मौसम में वन क्षेत्र की गश्त भी शामिल है। फिलहाल इन हाथियों का उपयोग बाघ एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है। एक बार फिर वीटीआर के माहौल में ये चार हाथी रम जाएं तो पर्यटकों के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। बताते चलें कि वीटीआर के वाल्मीकिनगर नगर रेंज में चार नर हाथी पहले से मौजूद है। लेकिन इनके वंश बेल को बढ़ाने के लिए मादा हाथी की दरकार है।

पेट्रोलिंग और हाथी सफारी

पर्यावरणीय दृष्टि से इस जैव विविधता को भारतीय संपदा और अमूल्य पारस्थितिकि धरोहर के तौर पर माना जाता है। बीते दिनों वीटीआर में मादा हाथियों की कमी की समीक्षा की गई थी। वन मंत्री नीरज कुमार सिंह की मानें तो जल्द ही यहां आने वाले पर्यटकों को हाथी की सवारी का लुत्फ मिलने लगेगा। वीटीआर में एक बार फिर पर्यटकों की रौनक लौटने की उम्मीद है।

कर्नाटक से लाए जाने वाले हाथियों को पेट्रोलिंग और पर्यटकों की सवारी में लगाया जाएगा। हाथी पर सवारी जंगल के रोमांच को कई गुना बढ़ा देता है। वीटीआर के पर्यटक हाथी की सवारी की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते यह कवायद फिलहाल ठंडी पड़ी है। वन अफसरों ने एक बार फिर उच्चाधिकारियों से संपर्क साधा है। उनके मुताबिक जल्द ही हाथी मंगा लिए जाएंगे। हाथियों के आने से जहां रेस्क्यू ऑपरेशन में बाघों पर काबू पाया जा सकेगा। वीटीआर को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान काम आने वाले जरूरी संसाधन मिल चुके हैं।

वीटीआर में बाघों की बढ़ती संख्या के चलते बाघों के जंगल क्षेत्र से बाहर निकलने की घटनाएं प्रकाश में आती रहती है। हाथियों के साथ कर्नाटक से महावत भी आएंगे। महावत यहां ठहरकर हाथियों को यहां के वातावरण में ठहरने योग्य बनाने के साथ यहां के महावतों को भी प्रशिक्षित करेंगे। कर्नाटक से यहां लाए गए हाथियों के अंदर इतनी क्षमता है जिसके आधार पर वीटीआर में नए तरह का टूरिज्म विकसित हो सकता है। इसके तहत सैलानियों को इन हाथियों के पास लाकर उनसे लुभावने करतब कराने की स्थिति बन रही है।

--कर्नाटक से चार मादा हाथी लाए जाएंगे। जिससे वीटीआर में हाथियों की संख्या आठ हो जाएगी।हाथियों के लाने में कम से कम छह महीने का समय लगेगा। -हेमकांत राय, सीएफ, वीटीआर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.