भीख मांग जमा किए 300 रुपये, तब मिला बेटे का शव, अब अंतिम संस्कार की चिंता
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां एक पिता को अपने बेटे का शव लेने के लिए भीख मांगना पड़ा।
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। जवान बेटे की मौत से जार-बेजार पिता और उसका शव उठाने को रुपये के लिए बकझक करते कर्मी। लाचार पिता की बेबसी और व्यवस्था की सच्चाई बताता स्वास्थ्यकर्मियों का व्यवहार। बेटे का कफन तक खरीद पाने में लाचार पिता के सामने 300 रुपये देने की मजबूरी। यह तस्वीर है बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एसकेएमसीएच के पोस्टमार्टम विभाग की। निष्ठुर कर्मी पूरे रुपये लेकर ही माने और शव उठाया।
बताया गया कि करजा नरहर सराय के सुरेश मांझी के बेटे मोहन मांझी (35) की मंगलवार को एसकेएमसीएच में मौत हो गई। मुजफ्फरपुर-रेवा रोड पर तीन दिन पहले घर के निकट सुमो की चपेट में आने से मोहन गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। उसे एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था।
एक-एक पैसे के लिए मोहताज सुरेश मांझी ने अस्पताल परिसर में लोगों से एक-एक रुपये चंदा मांगकर कुछ रुपये जमा किए और बेटे के लिए कफन खरीदा। इस स्थिति से अस्पताल के कर्मी भी वाकिफ थे। लेकिन, पोस्टमार्टम कक्ष से शव निकालने के नाम पर उससे 300 रुपये वसूल लिए गए। ये रुपये चंदा से एकत्र किए गए थे। हालांकि, शव गांव तक पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रबंधक संजय कुमार साह ने निश्शुल्क एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई।
पिता सुरेश मांझी ने कहा, चंदा वसूल कर कफन खरीदा। पोस्टमार्टम हाउस से बेटे का शव निकाल कर लाने के लिए 300 रुपया ले लिया। किसी पर मेरी विनती का असर नहीं पड़ा। पता नहीं, अब आगे काम-क्रिया (दाह संस्कार) कैसे कर सकूंगा।