मुजफ्फरपुर में महज 45 फीसद वाहनों में फास्टैग, ऐसे में बढ़ सकती परेशानी
परिचालन स्मूथ करने के लिए एनएच-77 से गुजरने वाली बसों में वितरित किए टैग आज 75 फीसद तक आंकड़ा पहुंचने की उम्मीद। एनएच-28 में मनियारी टोल प्लाजा पर तीन-तीन लेन में सेंसर करेगा काम एक-एक लेन वीआइपी वाहनों के लिए रहेगा चालू।
मुजफ्फरपुर, जासं। राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर एक जनवरी से टोल प्लाजा पर कैश से टोल लेने की व्यवस्था पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। यहां से वही वाहन गुजर पाएंगे जिसमें फास्टैग लगा होगा। एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) और टोल प्लाजा प्रबंधन ने अपनी ओर से फास्टैग से टोल लेने की व्यवस्था कर ली है। मगर सबसे बड़ी चिंता है यहां से गुजरने वाले आधे से भी कम वाहनों में ही फास्टैग का होना। ऐसी स्थिति में अगर आधे से अधिक वाहनों को टोल प्लाजा से वापस करने या दोगुना टोल देने का दबाव बनाया जाता है तो विवाद हो सकता है। इससे टोल प्लाजा पर कर्मियों की संख्या बढ़ाने से लेकर विवाद से निपटने की तैयारी भी अहम हो गई है।
एनएच-77 के मुजफ्फरपुर-दरभंगा खंड स्थित मैठी टोल प्लाजा के प्रबंधक मनीष त्रिपाठी के अनुसार अभी यहां से गुजरने वाले करीब 45 फीसद वाहनों में ही फास्टैग है। इसे देखते हुए प्रमुख सभी बस मालिकों को टैग भेजा गया है। इसके अलावा नियमित रूप से गुजरने वाले वाहनों की पहचान कर उन्हें टैग दिया जा रहा है। उम्मीद है गुरुवार रात तक यह आंकड़ा 75 फीसद तक पहुंच जाएगी। अब चिंता 25 फीसद की रहेगी। वाहन मालिकों को जागरूक कर इस लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
वाहनों की गति 10 से 15 किमी प्रतिघंटा
अब चूंकि वाहनों के सामने शीशे में लगे फास्टैग को सेंसर पढ़कर खाते से निर्धारित टोल की राशि काट लेगा। इसे देखते हुए यहां वाहनों की गति महत्वपूर्ण होगी। मनीष कहते हैं, टोल प्लाजा के पास पर्याप्त संख्या में कर्मी लाल झंडे के साथ मौजूद रहेंगे। वहीं प्लाजा पर बने ठोकर के कारण यहां से गुजरने वाले वाहनों की गति 10 से 15 किमी प्रतिघंटा ही रहेगी। इससे सेंसर आसानी से फास्टैग को रीड कर लेगा। किसी कारणवश टोल नहीं लिए जाने की स्थिति में वहां मौजूद कर्मी मदद करेंगे। अगर खाते में राशि नहीं होगी तो दोगुनी राशि देनी होगी। लिंक की गड़बड़ी पर हैंड स्कैनर से टोल लेने की प्रक्रिया पूरी होगी। मगर, किसी भी स्थिति में कैश से टोल नहीं लिया जाएगा।
टैग के साथ मौजूद रहेंगे कर्मचारी
बिना फास्टैग वाले वाहनों में टैग लगाने की भी तैयारी है। प्लाजा से पांच सौ मीटर दूर दोनों ओर कर्मी टैग के साथ रहेंगे। बिना फास्टैग वाले वाहनों को इसे लगाने का आग्रह किया जाएगा। टैग लगाने के बाद ही वाहन को आगे जाने दिया जाएगा। कम वाहनों में फास्टैग लगे होने व नई व्यवस्था को देखते हुए शुरुआती चरण में टोल प्लाजा पर अधिक मानव बल लगाना होगा। क्योंकि कई वाहन मालिक आसानी से इन बातों को नहीं समझेंगे।
समय के साथ ईंधन की होगी बचत
नई व्यवस्था के लागू होने के बाद एनएच-28 के मैठी प्लाजा में आठ लेन (दोनों ओर चार-चार लेन) में सेंसर लगा दिए गए हैं। दो लेन वीआइपी वाहनों के लिए खुले रहेंगे। यहां से प्रतिदिन औसतन छह हजार वाहन गुजरते हैं। इस संख्या को देखते हुए यहां एक लेन से सात से आठ हजार वाहन गुजरेंगे। टोल प्लाजा प्रबंधक के अनुसार फास्टैग लगे वाहनों को बिना रुके यहां से निकलने का पर्याप्त समय होगा। इससे समय के साथ ईंधन की बचत होगी। वहीं एनएच-28 में मुजफ्फरपुर-ताजपुर खंड में मनियारी टोल प्लाजा में छह लेन (दोनों ओर तीन-तीन लेन) में सेंसर लगे हैं। यहां भी दो लेन वीआइपी वाहनों के लिए होंगे। यहां से प्रतिदिन करीब 35 सौ वाहन गुजरते हैं। सभी वाहनों में फास्टैग लगे हों तो यहां भी बिना रुके आगे का सफर जारी रहेगा।
एनएचएआइ ने मांगी प्रशासन से मदद
नई व्यवस्था को देखते हुए एनएचएआइ ने जिला प्रशासन से मदद मांगी है। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डाइरेक्टर मनोज कुमार पांडेय ने डीएम को पत्र लिखकर कहा कि एक जनवरी से कैश के रूप में टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा। बिना फास्टैग लगा वाहन अगर टोल प्लाजा के किसी लेन में प्रवेश करता है तो दोगुना टोल देना होगा। इस कारण टोल प्लाजा पर अत्यधिक भीड़ व जाम की आशंका है। इसे देखते हुए प्लाजा पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाए। ताकि, वहां किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हो सके।