समस्तीपुर में खाद के लिए किसानों में हाहाकार, 10 हजार 440 एमटी डीएपी की जरूरत
Samastipur news जिले में निर्धारित लक्ष्य से काफी कम भेजी गई है खाद 60 हजार हेक्टेयर में गेहूं और 36 हजार हेक्टेयर में मक्के की खेती का दिया गया है लक्ष्य डीएपी के बदले सिंगल सुपर फॉस्फेट का प्रयोग करने की सलाह दी गई है।
समस्तीपुर, जासं। जिले के किसान खाद के लिए परेशान हैं। दुकानदार से चिरौरी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही है। किसान खेतों को तैयार कर चुके हैं, परंतु खाद के कारण बुआई नहीं कर पा रहे हैं। कई जगह तो लाइन लगाकर किसानों को अधिक दाम देकर खाद खरीदना पड़ रहा है। जिले में रबी फसल के लिए 10 हजार 440 एमटी डीएपी की आवश्यकता होती है। जबकि अभी तक जिले में 2828 एमटी डीएपी ही उपलब्ध हो पाया है। इससे किसानों की बुआई में विलंब हो रहा है। आधारपुर पंचायत के किसान ऋषभ यादव कहते हैं कि खाद ही नहीं मिल रही है जिसके कारण खेतों में बोआई नहीं कर पा रहे हैं। खानपुर के किसान मुख्तार झा ने बताया कि नजदीक में एक खाद का गोदाम है। संपन्न किसान पहले ही खाद खरीद लिए और खेतों की बोआई कर रहे हैं लेकिन मध्यम वर्ग के किसानों को पिछले पांच दिनों खाद ही नहीं मिल रही है।
खेती का लक्ष्य
गेहूं - 60 हजार हेक्टेयर
मक्का- 36 हजार हेक्टेयर
दहलन- चार हजार 995 हेक्टेयर
टानिक लीजिए तो मिलेगी खाद
किसानों का कहना है कि दुकानदारों द्वारा डीएपी को स्टाक कर लिया गया है, लेकिन दिया नहीं जाता है। दुकानदार कहते हैं कि दुकान से जुड़ी अन्य सामग्री टानिक, जाईम आदि लेने पर कुछ बोरी में खाद दिये जाएंगे। किसानों ने अधिक पैसे लेने की बातें कही। वैसे कृषि पदाधिकारी कहते हैं कि अगर अधिक दाम लिया जा रहा है और दूसरी सामग्री लेने पर खाद दी जा रही है, इसकी शिकायत किसान करें त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
डीएपी के बदले फॉस्फेट का प्रयोग करें किसान
जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने किसानों से आग्रह किया है कि वो डीएपी के बदले सिंगल सुपर फॉस्फेट का प्रयोग करने की सलाह दी गई है। कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के वैज्ञानिक की सलाह पर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इससे उत्पादन में कोई कमी नहीं आएगी। इससे भी बेहतर उपज होगी। खाद की थोड़ी कमी हुई है। डीएपी समेत अन्य खाद जिले को उपलब्ध हो जाएगा। सभी किसानों को निर्धारित दर पर खाद मिलेगा।