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पश्‍च‍िम चंपारण में कि‍सान अब गन्ना व धान की जगह कर रहे केले की खेती, जान‍िए क‍ितना फायदेमंद

West Champaranएक हजार एकड़ में 200 किसान कर रहे केले की खेती केले की खेती के लिए सरकार की ओर से मिल रहा अनुदान करीब दो सौ किसान एक हजार एकड़ में खेती कर रहे हैं। इस साल बाढ़ बार‍िश नुकसान पहुंचा है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 04:24 PM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 04:24 PM (IST)
पश्‍च‍िम चंपारण में केले की खेती । जागरण

पश्‍च‍िम चंपारण (पिपरासी), जासं। प्रखंड में केले की खेती कर किसान अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में जुटे हैं । सैकड़ों किसान गन्ना ,धान, गेहूं की फसल से अलग हटकर केला की खेती कर रहे हैं । दियारे के इस प्रखंड में हर फसल का उत्पादन नहीं किया जा सकता । ऐसे में किसानों ने प्रयोग के तौर पर गन्ना व धान की फसल से अलग हटकर केले की खेती शुरू कर दी है। लगभग दो सौ किसान एक हजार एकड़ में केले की खेती कर रहे हैं। हालांकि बाढ़ और बरसात से केले की खेती को नुकसान पहुंचा है । फिर भी धान और गन्ना के बजाय केला कम नुकसान हुआ है। दिल्ली,बनारस, गोरखपुर, देवरिया आदि शहरों से केला व्यवसायी पहुंच कर खेत में से ही खरीद रहे हैं। और तुरंत भुगतान भी कर दे रहे हैं ।

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किसानों ने कहा

सेमरा लवेदहा पंचायत के केला व्यवसायी लाल बहादुर यादव, भोलानाथ निषाद ,बनारस साह, कृष्णा यादव ,वीरेंद्र कुमार, कुंदन कुमार, बिकाऊ बीन, कैलाश कुशवाहा,अनिल कुशवाहा,ध्रुव कुशवाहा आदि ने बताया कि हम लोग केला की खेती कर अच्छा कमाई कर रहे हैं । 12 सौ रुपये प्रति क्‍व‍िंंटल की दर से केले की बिक्री हो रही थी । लेकिन वर्तमान में इसकी दर में गिरावट आई है । 900 से 1000 रुपये प्रति ङ्क्षक्वटल की बिक्री हो रही है । क‍िसानों का मानना है क‍ि केले की खेती एक बार कर देने के बाद नुकसान का खतरा बहुत कम रहता है। जबक‍ि अन्‍य खेती में ज्‍यादा खतरा रहता है।

-- किसानों को एक हेक्टेयर केले की खेती पर 15,500 रुपये अनुदान दिया जाता है। 16.75 रुपये के पौधों को 2.75 रुपये दर पर उपलब्ध कराया जाता है । किसानों में 60 हजार पौधे का वितरण किया गया है । जो पंजीकृत किसान ऑनलाइन राशि जमा किए थे। उन्हें पौधे उपलब्ध करा दिए गए हैं। - मनोज चौरसिया, कृषि सलाहकार, मंझरिया


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