मुजफ्फरपुर बालिक गृहकांड: मामले में बरी हुए विक्की के भाई ने कहा-बरी तो हुआ, पर बर्बाद हो गए...
बालिका गृह कांड में बरी हुए विक्की के परिजनों ने जताई खुशी। कहा-केस में काफी पैसा खर्च होने से बिगड़ गई माली हालत।
मधुबनी, जेएनएन। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का तार झंझारपुर से जुडऩे के बाद यहां के लोग कलंकित महसूस कर रहे थे। मगर, मामले में साकेत कोर्ट के फैसले से यहां के लोगों को राहत दी है। मगर, सबसे अधिक खुशी महसूस कर रहा है मो. साहिल उर्फ विक्की का परिवार। ब्रजेश ठाकुर के यहां काम करने वाले विक्की को इस मामले में अभियुक्त बनाया गया था। मगर, उसे कोर्ट ने इस कांड से बरी कर दिया है।
विक्की के भाई राजा को इसकी सूचना दोपहर लगभग तीन बजे मिली। न्याय पर संतोष व खुशी के साथ एक दर्द भी है। राजा के अनुसार विक्की बरी तो हो गया। मगर, इस घटना ने परिवार को बर्बाद कर दिया। मुकदमा लडऩे में काफी पैसे खर्च हो गए। इससे परिवार की माली हालत खराब हो गई।
मालूम हो कि झंझारपुर के लंगड़ा चौक निवासी मो. आलम का पुत्र मो. साहिल उर्फ विक्की इस कांड में पिछले डेढ़ वर्षों से जेल में है। लंगड़ा चौक पर मो. आलम के जनरल स्टोर पर उनके छोटे पुत्र राजा उर्फ गोलू मिला। प्रतिक्रिया पूछने पर वह संजीदा हो गया। कहा, क्या प्रतिक्रिया दें। उनका परिवार तो बर्बाद हो गया। सामाजिक इज्जत चली गई। काफी खर्च भी हुआ। मानसिक परेशानी अलग झेलनी पड़ी।
परिवार को न्याय व्यवस्था पर भरोसा था। अब न्याय मिला। मो. आलम के तीन पुत्रों में मो. साहिल उर्फ विक्की बीच का है। स्नातक पास विक्की ने ग्रेजुएट है। दो बच्चों के इस पिता का तार बालिका गृहकांड से इसलिए जुड़ा क्योंकि वह ब्रजेश के यहां काम करता था। यहां उसे काम मधु के रिश्तेदार होने के कारण मिला। ब्रजेश की सबसे करीबी मधु रिश्ते में विक्की की मौसी बताई जाती है। इस कांड के बाद यहां कई बार सीबीआइ ने छापेमारी भी की थी। केंद्रीय जांच एजेंसी को यहां मधु के छिपने की आशंका थी। करीब डेढ़ वर्ष के बाद इस परिवार को सुकून मिला है।