बालिका गृहकांड: चार्जशीट में खुलासा- ब्रजेश ठाकुर भी बच्चियों से करता था दुष्कर्म
मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड में सीबीआइ ने विशेष पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें खुलासा हुआ है कि मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर भी बच्चियों से दुष्कर्म किया करता था।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण कांड में जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ बुधवार को विशेष पॉक्सो कोर्ट में सीबीआई ने 2000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट में ब्रजेश ठाकुर के बारे में स्पष्ट बताया गया है कि वह बालिका गृह में न केवल किशोरियों को बेरहमी से मारता-पीटता था, बल्कि यौन उत्पीड़न भी करता था।
मामले में गिरफ्तार समाज कल्याण विभाग की अधिकारी रोजी रानी पर आरोप है कि उसने सबकुछ जानते हुए मामले को दबाए रखा।सीबीआइ ने पूरक अनुसंधान जारी रखने की बात कही है।
कोर्ट ने चार्जशीट के प्रमुख आधार की जानकारी मांगी। इस संबंध में आईओ ने बताया कि किशोरियों के 164 के बयान, मेडिकल रिपोर्ट, गवाहों के बयान, कबूलनामा, सीएफएसएल की जांच रिपोर्ट को महत्वपूर्ण साक्ष्य बनाया गया है।
जांच के बाद पहली चार्जशीट
मामले की जांच के 204 दिनों के बाद सीबीआइ की ओर से यह पहली चार्जशीट है। सीबीआइ मामले की जांच 28 जुलाई से कर रही।
20 सितंबर को सीबीआइ ने की थी पहली गिरफ्तारी
सीबीआइ ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी 20 सितंबर को की थी। उसने सबसे पहले बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन निदेशक रोजी रानी को गिरफ्तार किया। सबसे हाल में 20 नवंबर को मधु व अश्विनी कुमार को गिरफ्तार किया। रोजी रानी सहित अन्य कई आरोपितों की न्यायिक हिरासत की अवधि 90 दिन के करीब हो रही थी। ऐसे में अगर सीबीआइ चार्जशीट दाखिल नहीं करती तो इन सभी को जमानत का लाभ मिल जाता।
दस आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने भी दाखिल की थी चार्जशीट
इससे पहले पुलिस ने अनुसंधान के बाद ब्रजेश ठाकुर सहित दस आरोपितों के खिलाफ 26 जुलाई को विशेष पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें सात महिलाएं थीं। ये बालिका गृह की कर्मी थीं। इन सभी पर लड़कियों के खिलाफ यौनहिंसा में ब्रजेश सहित अन्य आरोपितों को सहयोग करने का आरोप था।