Move to Jagran APP

आजादी के सात दशक बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है यह गांव

आजादी के इतने वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 10:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 02:40 PM (IST)
आजादी के सात दशक बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है यह गांव
आजादी के सात दशक बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है यह गांव

मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। पश्चिमी चंपारण जिले के गौनाहा प्रखंड मुख्यालय से पूरब शिवालिक की तराई क्षेत्र में बसा एकवा गांव के हजारो एकड़ खेत मे पानी नही होने से लोगा परेशान है। नेपाल के ठोरी से पानी पर ¨सचाई के लिए निर्भर रहना पड़ता है। जिसके लिए कई बार नेपाली लोगो से संघर्ष भी होता रहता है। गौनाहा के धमौरा पंचायत का एकवा गांव आजादी के इतने वर्षों बाद भी स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। गांव जंगल से सटा हुआ है । बंदर, नीलगाय, जंगली सुअर के कारण फसलों को भारी नुकसान होता है। यहां के लोग बंदरो के आतंक से भयभीत हैं। झुंड में बंदर घरों में घुसकर समान को नुकसान पहुंचाते हैं । ग्रामीण बताते है कि थारु जनजाति बहुल इस गांव में शराब माफियाओं के कारण लोगों का जीवन कठिन हो गया है। शराब माफिया परसौनी, भतुजला, प्रेमनगर से शराब लाकर गांव में सप्लाई करते हैं। जिससे ग्रामीण जीवन अशांत हो जाता है। ग्रामीण रतन महतो, चंद्रिका महतो, लोचन महतो, छट्ठू महतो का कहना है कि गांव के ही ¨जतेंद्र महतो द्वारा सार्वजनिक नाले का अतिक्रमण कर लिया गया है जिस पर उनके द्वारा घर का निर्माण कराया जा रहा है। ग्रामीणों में आक्रोश है की पुलिस-प्रशासन भी सहयोग नही कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वार्ड नं 5 के एकवा नुनिया टोला में रास्ता नही है। खड़वा टोला, वन बैरिया में अभी तक सात निश्चय योजना के तहत कोई कार्य नही हुआ है, पंचायत में राशि की कमी होने के कारण विकास कार्य बाधित है। स्नातक के छात्र चंदन कुमार ने बताया कि गांव में प्राथमिक विद्यालय है। पांचवी के बाद छात्रों को छठी की पढ़ाई के लिए 2 किलोमीटर दूर जंगल पार कर जाना पड़ता है । शिक्षा के लिए गांव के बच्चों को आने -जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उच्च शिक्षा के लिए छात्रों की पढ़ाई बाधित रहती है। गांव के छोटे किसानों को सड़क नही होने से गन्ना गिराने में काफी परेशानी होती है। किसानों को अधिक खर्च कर गन्ना गिराने की मजबूरी है। चौपाल में उपस्थित ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि जब तक ¨सचाई की व्यवस्था नही हो जाती है तब तक गांव में खुशहाली नही आ सकती है । ग्रामीण बताते है कि कई बार सांसद व विधायक को गांव में बुलाकर समस्या से अवगत कराया गया। लेकिन आज तक उनके तरफ से कोई पहल नही किया गया जिसके कारण समस्या जस की तस है । ठोरी में नेपाल से निकलने वाली नाला पर बांध बनाने के लिए गांव वालों ने विधायक, सांसद, जिला पदाधिकारी, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखकर गुहार लगाई है। जिला परिषद अध्यक्ष की पहल से उम्मीद जगी है कि समस्या का समाधान हो जाएगा । गांव में राजकीय मध्य विद्यालय की आवश्यकता है। ग्रामीण बताते हैं कि पूरे पंचायत में विद्यालय डमी शिक्षको के भरोसे है। ग्रामीणों की ¨चता है कि सरकार द्वारा अगर आंगनबाड़ी व विद्यालयों की स्थिति में सुधार नही किया गया तो उनकी नई पीढ़ी का भविष्य बर्बाद हो जायेगा । विद्यालय में एक भी चापाकल नही होने से बच्चों को पानी के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है । ग्रामीणों का कहना है कि अगर नलकूप की व्यवस्था हो जाए तो ¨सचाई उपलब्ध होने से खेती में लागत कम हो जाएगी । अस्पताल नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है ।

loksabha election banner

गांव एक नजर में

जनंसख्या - लगभग 2500

मतदाता - 800

घर - 208

सामुदायिक भवन - नही

सरकारी विद्यालय - एक प्राथमिक

सरकारी नौकरी - 2

शौचालय - ओडीएफ के लिए जोर शोर से कार्य शुरू हुआ है

वार्ड सदस्य, विजय महतो ने बताया कि जंगल किनारे गांव की बसावट के कारण जंगली जानवर फसलों की बहुत क्षति पहुंचाते हैं। जंगल विभाग से कोई मुआवजा भी नही मिलता है । जिसके कारण आर्थिक परेशानी होती है । सरकार को फसलों की क्षतिपूर्ति देनी चाहिए ताकि हमलोगों का जीवन चल सके ।

ग्रामीण,रामवतार महतो ने कहा कि

पंचायत के स्तर के विकास कार्य तो हो रहा है। लेकिन मुखिया को और पावर व फंड चाहिए जिससे कई गांवों का विकास कार्य हो सके । सरकार से आग्रह है कि वनक्षेत्र के इस पंचायत को विकास के लिए अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराएं ।

धमौरा पंचायत के मुखिया रामबिहारी महतो ने बताया कि पंचायत स्तर पर समस्याओं के निपटारे में कोई परेशानी नहीं है । वह सब किया जा रहा है । समस्या सिर्फ बड़ी योजनाओं को लेकर है । इसमें बड़े जनप्रतिनिधियों व प्रशासन का सहयोग जरूरी है । पंचायत में स्वच्छता, पेयजल, शौचालय व कम दूरी वाली सड़क आदि की व्यवस्था

पंचायत स्तर पर समस्याओं के निपटारे में कोई परेशानी नहीं है। वह सब किया जा रहा है । समस्या सिर्फ बड़ी योजनाओं को लेकर है। इसमें बड़े जनप्रतिनिधियों व प्रशासन का सहयोग जरूरी है। पंचायत में स्वच्छता, पेयजल, शौचालय व कम दूरी वाली सड़क आदि की व्यवस्था की जा रही है। सरकार विकास की राशि को और बढ़ाए ताकि विकास हो सके ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.