गायघाट में जलस्तर घटने के साथ ही बागमती में कटाव जारी, एक घर बहा
गायघाट प्रखंड क्षेत्र से होकर गुजरने वाली बागमती नदी का जलस्तर घटने के साथ ही कई जगहों पर कटाव होना शुरू हो गया है। इसके चलते बलौर निधि पंचायत के वार्ड संख्या नौ में शुक्रवार देर रात एक घर नदी की तेज धारा में बह गया।
मुजफ्फरपुर। गायघाट प्रखंड क्षेत्र से होकर गुजरने वाली बागमती नदी का जलस्तर घटने के साथ ही कई जगहों पर कटाव होना शुरू हो गया है। इसके चलते बलौर निधि पंचायत के वार्ड संख्या नौ में शुक्रवार देर रात एक घर नदी की तेज धारा में बह गया। वहीं, कई स्थानों पर कटाव जारी है।
पीड़ित रामदेवल दास ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य घर में सो रहे थे। इसी बीच घर के पास नदी में आवाज सुनाई दी। इस पर जबतक घर का सामान बाहर निकालते वह तेज धारा में बह गया। बताया कि उनके पास और कहीं घर बनाने की जगह भी नहीं है। जहा जमीन थी वहीं नदी की तेज धार बह रही है। पिछले वर्ष आई बाढ़ में भुनेश्वर दास, रामबालक दास, राम मिलन दास, संतोष दास, राजो दास व विंदेश्वर दास का घर नदी में बह चुका। वे सड़क के किनारे झोपड़ी बनाकर पूरे परिवार समेत गुजर-बसर कर रहे हैं। नदी के किनारे बसे लोगों ने बताया कि कटावरोधी कार्य के लिए करीब दो हजार प्लास्टिक बैग में मिट्टी भरकर कर रखी गई है, लेकिन ठीकेदार की लापरवाही से कटाव हो रहे स्थानों पर मरम्मत नहीं हो सकी। इधर मधुरपट्टी घाट के पास भी भीषण कटाव जारी है। ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर से नदी के जलस्तर में कमी होने के साथ ही दोनों किनारों पर कई जगहों पर कटाव हो रहा है। अंचलाधिकारी राघवेंद्र कुमार राघवन ने बताया कि जल संसाधन विभाग कई जगहों पर कटावरोधी कार्य करा रहा है। कुछ जगहों पर कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। इसकी शिकायत वरीय पदाधिकारी से की गई है।
औराई में दो दिनों में पांच फीट कम हुआ जलस्तर : औराई में बागमती नदी के जलस्तर में विगत दो दिनों में पांच फीट की कमी दर्ज की गई है। इससे स्थिति पूरी तरह सामान्य हो गई है। बागमती नदी की दक्षिणी उपधारा का जलस्तर तट से पांच फीट नीचे बह रहा है। इधर बागमती परियोजना उत्तरी एवं दक्षिणी बाध के बीच दर्जनभर गावों के लोगों ने राहत की सास ली है। जलस्तर में कमी होने से मधुबन प्रताप, पटोरी टोला, बारा बुजुर्ग, बारा खुर्द, चैनपुर ,राघोपुर, तरबन्ना, चहुंटा दक्षिण टोला, बभनगामा पश्चिमी, हरनी टोला, भरथुआ दक्षिणी टोला के लोगों को अभी आवागमन के लिए नाव का ही सहारा लेना पड़ेगा।