Samastipur: एईएस मरीजों को एंबुलेंस में प्राथमिक चिकित्सा करने को ईएमटी को मिला प्रशिक्षण
Samastipur प्रशिक्षण मुख्य रूप से वैसे ईएमटी को दिया जा रहा है जिनकी जिम्मेदारी चमकी पीड़ित बच्चों को अस्पताल लाने की होती है। प्रशिक्षक ने बताया कि चमकी में समय की बहुत बड़ी भूमिका होती है। जितनी जल्द बच्चे का उपचार शुरु होगा उसके ठीक होने की संभावना ज्यादा होगी।
समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। सदर अस्पताल परिसर स्थित एसएनसीयू के समीप सभागार में बुधवार को एईएस प्रभावित क्षेत्र के एबुंलेंस मेडिकल टेक्नीशियन की क्षमता को बढ़ाने को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षक के रूप में केयर इंडिया की डॉ. राधिका, स्टार्फ नर्स प्रतिभा कुमारी, किरण कुमारी, रेणु भारती व कमली कुमारी सम्मिलित हुई। प्रशिक्षण मुख्य रूप से वैसे ईएमटी को दिया जा रहा है जिनकी जिम्मेदारी चमकी पीड़ित बच्चों को अस्पताल लाने की होती है। प्रशिक्षक ने बताया कि चमकी में समय की बहुत बड़ी भूमिका होती है। जितनी जल्द बच्चे का उपचार शुरु होगा उसके ठीक होने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा हो जाएगी। इसको लेकर डमी से रिहर्सल भी कराया गया। बताया गया कि एंबुलेंस में कैसे और किस परिस्थिति में क्या किया जाना है। मौके पर एंबुलेंस प्रबंधक राघवेंद्र कुमार, ईएमटी चंद्र प्रकाश, सुशील कुमार, संजीव कुमार, रमण कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण के दौरान ईएमटी से से बीच-बीच में सवाल भी पूछा गया। उन्होंने इमरजेंसी किट में मौजूद दवाओं, उपयोग और डोज के बारे में ईएमटी प्रशिक्षुओं से जाना और कहा कि पूरे प्रशिक्षण के बाद उनका टेस्ट होगा जिसका वह खुद रिव्यु भी करेगें।
एंबुलेंस में ईएमटी के पास रहेगा चेकलिस्ट
एंबुलेंस में ईएमटी के पास चेकलिस्ट भी उपलब्ध रहेगा। जिसे उन्हें भरकर चिकित्सक को देना होगा। इससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि चमकी पीड़ित को क्या-क्या समस्याएं हो रही थी और कौन सी आपात सुविधा इसे दी गयी थी। इससे मरीजों के प्रबंधन में काफी आसानी हो जाएगी और हर एक चमकी पीड़ित की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो जाएगी।
एंबुलेंस में ही हो जाएगी प्राथमिक चिकित्सा
एबुंलेंस में दवा, ऑक्सीजन तथा जरूरी उपकरण के मौजूद रहने से प्राथमिक चिकित्सा एबुंलेंस में ही हो जाएगी। मरीज का तापमान, शुगर का लेवल जैसी जांच संभव हो सकेगी। जरूरत पड़ने पर सॉल्युशन या ग्लूकोज भी चढ़ाया जा सकेगा। वहीं ऑक्सीजन भी लगाया जा सकेगा।