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हमले के खिलाफ कर्मचारियों ने ठप कराया काम

विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों पर आए दिन हो रहे हमले से कर्मचारियों में रोष है। प्रशासनिक विफलता को लेकर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में बुधवार को कर्मचारियों ने काम बंद कर कलमबंद आंदोलन शुरू किया। मांगों की पूर्ति होने तक आंदोलन चलते रहने की बात कही गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 02:13 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 06:08 AM (IST)
हमले के खिलाफ कर्मचारियों ने ठप कराया काम
हमले के खिलाफ कर्मचारियों ने ठप कराया काम

मुजफ्फरपुर। विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों पर आए दिन हो रहे हमले से कर्मचारियों में रोष है। प्रशासनिक विफलता को लेकर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में बुधवार को कर्मचारियों ने काम बंद कर कलमबंद आंदोलन शुरू किया। मांगों की पूर्ति होने तक आंदोलन चलते रहने की बात कही गई।

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बता दें कि पूर्णिया विश्वविद्यालय के 49 कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है। इसके विरोध में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने काम बंद कर दिए। इसके कारण विवि के सारे कार्य रुक गए। रिजल्ट आदि जानने के लिए दूरदराज से आए छात्रों को बैरंग लौटना पड़ा। बिहार राज्य विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के महासचिव राघवेंद्र कुमार ने कहा कि महासंघ के आह्वान पर पूíणया विवि के कíमयों के समर्थन में बीआरए बिहार, विवि मिथिला, विवि वीर कुवंर सिंह, विवि मगध व पटना विश्वविद्यालय में भी कर्मचारी भी कलमबंद आदोलन पर हैं। कहा कि सात अन्य मागें भी राज्य सरकार में लंबित है। पूíणया विवि की ओर से कíमयों की जायज मागों को दबाया जा रहा है। आदोलन कमजोर करने के लिए उनपर कार्रवाई की जा रही है। कहा कि उनकी मागें नहीं सुनी गई सरकार से गुहार लगाएंगे। मंगलवार को भी कर्मचारियों ने कॉलेज कíमयों की प्रतिनियुक्ति के खिलाफ काम बंद कर दिया था। इससे छात्र-छात्राओं को बैरंग लौटना पड़ा। जारी नहीं हो सका बीआरएबीयू का एकेडमिक कैलेंडर

तमाम कोशिशों के बावजूद बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का एकेडमिक कैलेंडर जारी नहीं हो सका। कैलेंडर जारी होने से छात्रों, शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों को काफी सुविधा होगी। सभी तरह के कोर्स में एडमिशन से लेकर परीक्षाओं व रिजल्ट आदि की तिथि तय होने से विश्वविद्यालय सिस्टम पर आ जाता। दिल्ली विश्वविद्यालय आदि से सीख भी नहीं ले रहे। एकेडमिक कैलेंडर जारी करने के लिए एक सप्ताह पहले कैलेंडर कमेटी की बैठक हुई थी। उसके प्रस्ताव में कुछ संशोधन किया जाना था। लेकिन किस कारण से देरी हो रही, यह किसी को समझ में नहीं आ रहा। जबकि राजभवन की तरफ से जल्द एकेडमिक कैलेंडर तैयार कर प्रकाशित करने को कहा गया था। दो सप्ताह बीतने बीतने को है। बता दें कि कैलेंडर में स्नातक, पीजी, वोकेशनल, बीएड, लॉ, होमियोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी आदि कोर्स में एडमिशन व परीक्षा के साथ रिजल्ट की तिथि दिया जाता है। स्नातक की तीन परीक्षाएं होनी हैं।


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