East Champaran News: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विद्युत तारों के जंजाल, करंट लगने से हो रही है मौत
रक्सौल अनुमंडल के करीब-करीब सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली के जर्जर तार बदलकर केवल तार लगाए गए हैं। फिर भी शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में बिजली का तार जी का जंजाल बना हुआ है। विद्युत पोल पर लगे बॉक्स में आये दिन लगती है आग।
रक्सौल (पूर्वी चंपारण), जासं। सीमावर्ती अनुमंडल के करीब-करीब सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली के जर्जर तार बदलकर केवल तार लगाए गए हैं। फिर भी शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में बिजली का तार जी का जंजाल बना हुआ है। इसके कारण करंट लगने की दुर्घटनाएं होती रहती है। पिछले पांच साल में बिजली से हुई मौत के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो प्रत्येक वर्ष दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो रही है। शहर की तंग गली मोहल्लों की बात छोडि़ए, व्यापारिक ²ष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र वार्ड 12 मीन बाजार चौराहा नगरपरिषद वार्ड तीन खड़ंजा पथ डंकन के पीछे वाले मोहल्ले सहित शहर के अन्य हृदयस्थली एवं मुख्य सड़क किनारे तारों का जंजाल फैला हुआ है। गाड़े गए विद्युत पोल से लोगों द्वारा लिया गया विद्युत कनेक्शन के कारण बिजली तारों का जाल बना हुआ है।
अधिकांश गली मोहल्लों में बेतरतीब तरीके से बिजली के तार घरों तक पहुंचे हैं। शहर के कई अन्य इलाकों में कुछ लोग टोका फंसा कर अपने घरों तक बिजली का तार ले गए हैं। पोल से खींची गई तार गली मोहल्लों में नीचे तक झूल रहे हैं जिससे बिजली के तार ट्रकों से सटकर टूट रहे। वार्ड नंबर 12 के पूर्व नगरपरिषद सुरेश कुमार, दुर्गेश कुमार, राजन गुप्ता, गणेश कुमार, दीपक गुप्ता कहा कि कई स्थलों पर बांस के सहारे बांध कर काम चलाया जा रहा है।
हवा चलने पर आपस में एक-दूसरे से तारों के टकराने पर चिंगारियां निकलती रहती है। इसके से दुर्घटना होने की संभावना प्रबल रहती है। दूसरी ओर केवल लगे क्षेत्र विद्युत पोल पर लगे बॉक्स में आये दिन आंग लग जाती है। विद्युत उपभोक्ता शॉर्टसर्किट से घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में लगे इलेक्ट्रॉनिक सामान जल जाते है। विधुत अधिकारी इसे इत्तेफाक मान चुप रहते है। जबकि सप्ताह में उनको मुख्य सड़क, चौक-चौराहे, गली-मोहल्लों में घूम कर जर्जर तारों को ठीक कराना चाहिए था। लेकिन सब कुछ भाग्य भरोसे चल रहा है।
वैध उपभोक्ता होते परेशान, अवैध की कटती चांदी
वैध विद्युत उपभोक्ता जहां कनेक्शन लेने से लेकर हर माह बिजली बिल के रूप में अच्छी खासी रकम विभाग को राजस्व के रूप में देते हैं। वहीं अवैध उपभोक्ताओं को चांदी कटती है। बिजली के इस मकडक़ााल की आड़ मे कई लोगों ने अवैध रूप से अपने घरों तक बिजली ले रखी है। वे बिना बिजली बिल अदा किए और कनेक्शन चार्ज चुकाए बिजली का उपभोग कर रहे हैं। विभाग भी तारों के इस मकड़जाल के बीच अवैध कनेक्शन वालों को विभाग जांच करती रहती है। इस दौरान अवैध कनेक्शन वाले पकड़े भी जाते है। लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात निकलता है। कार्यालयकर्मियों ने बताया कि संकीर्ण मोहल्लों में पोल गाडऩ़े में दिक्कत हो रही है। अपनी जमीन के आगे कोई व्यक्ति बिजली पोल गाडऩे से मना करते रहते हैं। ऐसी परिस्थिति में अधिकारियों को परेशानी हो रही है।