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बिहार के समस्तीपुर में शिक्षा एक्सप्रेस ने पकड़ी 'रफ्तार', अब हवाई जहाज में पढ़ाई की उड़ान भरेंगे बच्‍चे

बिहार के समस्तीपुर स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिवैसिंहपुर में हवाई जहाज के आकार में बना शिक्षा उड़ान भवन आकर्षण का केंंद्र है। इसके पायलट हैं स्कूल के प्रधानाध्यापक मेघन सहनी। इससे पहले एक स्कूल को ट्रेन के माडल में रंगकर शिक्षा एक्सप्रेस बनाया जा चुका है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 09:09 AM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 07:55 PM (IST)
उत्क्रमित मध्य विद्यालय, सिवैसिंहपुर में हवाई जहाज के आकार में बना कक्ष। फोटो- जागरण

समस्‍तीपुर, आमोद कुमार राय। चार साल पहले शिक्षा एक्सप्रेस के 'रफ्तार' पकड़ने के बाद अब 'उड़ान' की तैयारी है। बच्चे 'शिक्षा उड़ान' में बैठकर सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे। बिहार के समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, सिवैसिंहपुर से बच्चों को यह उड़ान मिलेगी। इसके पायलट होंगे स्कूल के प्रधानाध्यापक मेघन सहनी। स्कूल की मुख्य इमारत के ऊपर एक कक्ष को हवाई जहाज के आकार में बनाया गया है। इसमें पुस्तकालय की व्यवस्था है। जरूरत पड़ने पर इसे वर्ग कक्ष के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे 'शिक्षा उड़ान' नाम दिया गया है। भवन के बाहर और अंदर की बनावट व सजावट ऐसी है कि बैठने वाले को हवाई जहाज की अनुभूति हो सके। भवन निर्माण में रनवे, पहिया, खिड़की, काकपिट विंडो आदि का ख्याल रखा गया है।

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40 बच्चे एक साथ कर सकते पढ़ाई 

'शिक्षा उड़ान' में 40 बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं। प्रधानाध्यापक बताते हैं कि निर्माण में करीब दो लाख रुपये लगे हैं। इसे लोगों के सहयोग से जुटाया गया था। निर्माण स्थानीय मिस्त्री को डिजाइन बताकर कराया गया। बनाने में तीन महीने लगे। पुस्तकालय में पाठ्यक्रम के अलावा साहित्यिक, महापुरुषों की जीवनी व इतिहास की करीब एक हजार पुस्तकें हैं। बच्चों के लिए सामान्य ज्ञान, समाचार पत्र और विभिन्न प्रतियोगिताओं से संबंधित पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे बच्चे देश-दुनिया के तमाम घटनाक्रम से अवगत हो सकेंगे।

'शिक्षा एक्सप्रेस' से मिली प्रेरणा 

प्रधानाध्यापक मेघन बताते हैं कि वर्ष 2017 में विद्यालय में योगदान दिया था। इससे पहले मध्य विद्यालय, नंदनी में शिक्षक था। वहां स्कूल को ट्रेन के माडल में रंगकर 'शिक्षा एक्सप्रेस' बनाने का काम चल रहा था। उससे प्रेरणा मिली। बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने और शत-प्रतिशत उपस्थिति को लेकर यह प्रयोग किया गया है। कोरोना का दौर थमने के बाद बच्चे जब स्कूल लौटेंगे तो निश्चित ही उन्हें नया देखने को मिलेगा।

बच्चों में स्कूल के प्रति बढ़ी ललक

मध्य विद्यालय, नंदनी के पूर्व प्रधानाध्यापक रामप्रवेश ठाकुर बताते हैं, वर्ष 2014 में नामांकन के अनुरूप बच्चे स्कूल नहीं पहुंच रहे थे। उस समय प्रयोग के तौर पर स्कूल को ट्रेन का रंग और कमरों को आरक्षित व एसी बोगियों के माडल में सजाया गया। 2018 में स्कूल नये रंग-रूप में आया तो बच्चों की उपस्थिति बढ़ गई। सोमवार को इस भवन का उद्घाटन करने के बाद मोहिउद्दीननगर विधायक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रयोग सराहनीय है। इससे बच्चों में विद्यालय जाने के प्रति आकर्षण बढ़ेगा।


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