East Champaran: नेपाल में पशुपतिनाथ के दर्शन पर रोक, कोरोना संक्रमण को देखते हुए दिया गया निर्देश
Ban on visit of Pashupatinath in Nepal पशुपति विकास क्षेत्र विकास कोष के कोषाध्यक्ष डॉ. मिलन थापा ने बताया कि कारोना से बचाव के लिए सरकार ने मंदिर को बंद करने का आदेश दिया है। इसके लिए संक्रमित रोग रोकथाम और नियंत्रण कानून 2020 दफा दो का प्रयोग किया है।
रक्सौल ( पू. चंपारण), जासं। नेपाल सरकार ने कोरोना को देखते हुए शुक्रवार से पशुपतिनाथ मंदिर सहित प्रमुख धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया है। पशुपति विकास क्षेत्र विकास कोष के कोषाध्यक्ष डॉ. मिलन थापा ने बताया कि कारोना से बचाव के लिए सरकार ने मंदिर को बंद करने का आदेश दिया है। इसके लिए संक्रमित रोग रोकथाम और नियंत्रण कानून 2020 दफा दो का प्रयोग किया है। दफा चार का प्रयोग करते हुए निर्देश दिया है कि मुख्य पुजारी और उनके सहयोगी नित्य पूजा- अर्चना कर मंदिर के कपाट को बंद कर देंगे। इस दौरान घाट सेवा करने वाले श्रद्धालुओं को गाइडलाइन के तहत मंदिर प्रांगण में प्रवेश का निर्देश जारी किया है। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में भी आठ माह तक पशुपतिनाथ मंदिर बंद था। यहां 25 से 30 हजार शिवभक्त रोज पशुपति दर्शन के लिए पहुंचते थे।
कारोना संक्रमण विस्फोट को देखते मंदिर को किया बंद
रक्सौल पूर्वी चंपारण: देशी-विदेशी श्रद्धालुओं को कुछ दिनों के लिए पशुपतिनाथ का दर्शन नहीं हो पाएगा। भारत के बाद नेपाल ने भी कारोना संक्रमण विस्फोट को देखते हुए शुक्रवार से काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर सहित प्रमुख धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया। मंदिर प्रशासन ने असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है। इस दौरान घाट सेवा करने वाले श्रद्धालुओं को सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के तहत ही मंदिर प्रांगण में प्रवेश करने का निर्देश जारी किया गया है। सरकार के इस अचानक निर्णय ने नेपाल आने वाले भारतीय और तीसरे देशों से आने वाले पर्यटकों की परेशानी बढ़ा दी है।बता दें कि बीते वर्ष 2020 में करीब आठ माह तक पशुपतिनाथ मंदिर बंद था। जिससे पर्यटकों से मिलने वाले करोड़ों राजस्व की क्षति हुई थी। इस बीच कोविड 19 के वायरस के बदलते स्वरूप और तेजी से फैलने के कारण दूसरी बार मंदिर को सरकार ने बंद किया है। एक अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन 25 से 30 हजार देशी-विदेशी शिवभक्त पशुपति दर्शन के लिए पहुंचते है।