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Lockdown: पहले बच्चों को मोबाइल देने से करते थे परहेज, अब यही विकल्प Muzaffarpur News

आठवीं तक के सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था नहीं। प्राइवेट स्कूल सभी विषयों की करा रहे पढ़ाई।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 08:38 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 08:38 PM (IST)
Lockdown: पहले बच्चों को मोबाइल देने से करते थे परहेज, अब यही विकल्प Muzaffarpur News
Lockdown: पहले बच्चों को मोबाइल देने से करते थे परहेज, अब यही विकल्प Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जो अभिभावक कभी बच्चों को मोबाइल देने से परहेज करते थे। कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन ने अभिभावकों की मानसिकता पर ऐसा खौफ पैदा किया कि जब स्कूलों ने ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन शुरू किया तो मोबाइल ही पढ़ाई का विकल्प बन गया। निजी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चे मोबाइल के माध्यम से कक्षाओं में शामिल हो रहे हैं। साथ ही अपना होमवर्क पूरा करने के लिए भी गूगल का सहारा ले रहे हैं। अभिभावकों की भी मजबूरी है कि होम ट्यूटर भी नहीं आ रहे हैं, ऐसे में वे अपनी निगरानी में बच्चों को मोबाइल का प्रयोग करने दे रहे हैं। जिले में संचालित लगभग 200 से अधिक निजी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। 

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सरकारी स्कूल के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई का नहीं मिल रहा लाभ

ग्रामीण इलाके में रह रहे सरकारी स्कूलों के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ नहीं मिल रहा है। खासकर जिनके पास मोबाइल नहीं है वे अपने किताबों के सहारे ही पढ़ाई करने को विवश हैं। मजबूरी ऐसी है कि सवालों में उलझन होने पर ये कोरोना के डर से मदद भी नहीं ले सकते। इनके लिए शिक्षा विभाग की ओर से कोई पहल नहीं की गई है।

नौवीं-दसवीं को दूरदर्शन से मिल रहा मार्गदर्शन

बिहार बोर्ड से नौंवीं और दसवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को दूरदर्शन से मार्गदर्शन मिल रहा है। प्रतिदिन विषयवार विशेषज्ञ शिक्षक विद्यार्थियों को जानकारी दे रहे हैं। 

शिक्षकों की परेशानी, नहीं है संसाधन

सरकारी स्कूलों में पढे शिक्षक राकेश सिंह ने बताया कि प्राथमिक और मध्य विद्यालय में संसाधन ही नहीं है। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई कैसे कराएं यह चुनौती है।  

मोबाइल और लैपटॉप ने आसान की राह

मिठनपुरा की छात्रा रजनी सिंह ने बताया कि लैपटॉप से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। गन्नीपुर के सौरभ मिश्रा ने बताया कि अबतक मोबाइल सिर्फ बातचीत के लिए था। लेकिन, लॉकडाउन में पढ़ाई में यह अहम भूमिका निभा रहा। मिठनपुरा में रह रही स्वाति सिंह ने बताया कि ऑनलाइन स्टडी तो कर रहे लेकिन, इंटरनेट पर अत्याधिक लोड होने के कारण परेशानी हो रही है। 

पूछते बच्चे : पापा कब खुलेगा स्कूल 

गोबरसही में रहने वाले चंदन यादव बताते हैं कि बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं पर अचानक घर में पढऩे के कारण बच्चे बार-बार पूछ रहे हैं कि स्कूल कब खुलेगा। उन्हें समझाकर शांत करा रहे कि जल्द ही स्कूल खुल जाएगा। 

कई विषयों के स्टडी मेटेरियल उपलब्ध नहीं 

विश्वविद्यालय और कॉलेजों की ओर से ऑनलाइन स्टडी मेटेरियल उपलब्ध कराया गया है। लेकिन, संस्कृत, गणित, कॉमर्स के कई पेपर और अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों की पाठ्य सामग्री वेबसाइट या वाट्सएप पर अबतक उपलब्ध नहीं हो सकी है। कुछ ऐसे नोट्स दिए गए हैं जिसकी पढ़ाई कक्षाओं में हो चुकी है। ऐसे में विद्यार्थी नए पाठ का नोट्स और पाठ्य सामग्री मांग रहे हैं। अब वीडियो लेक्चर द्वारा इसे उपलब्ध कराया जा रहा है। हालांकि, विश्वविद्यालय और कॉलेजों की ओर से संचालित कुछ विषयों की ऑनलाइन कक्षाओं को छोड़कर अधिकतर विषयों की ओर विद्यार्थियों का कुछ खास रूझान देखने को नहीं मिला है। ऐसे में शिक्षक लगातार ऑनलाइन कक्षाओं से जुडऩे की अपील कर रहे हैं।


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