समस्तीपुर में जिंदगी के लिए वरदान बनेगा ई-रक्तकोष, सदर अस्पताल में जल्द मिलने लगेगी सुविधा
E blood bank in Samastipur सदर अस्पताल में ई-ब्लड बैंक की जल्द मिलने लगेगी सुविधा। ब्लड बैंक का डिजिटलीकरण करने और उन्हें कारगर बनाने के लिए हो रही पहल। इससे डोनर और मरीज की बेवजह की दौड़ खत्म जाएगी।
समस्तीपुर, जेएनएन। किस ब्लड बैंक में किस ग्रुप का कितना ब्लड स्टॉक है, इसकी जानकारी अब एक क्लिक पर मिल जाएगी। राज्य सरकार अब ब्लड बैंकों को ऑनलाइन करने जा रही है। जिससे तहत प्रदेश के समस्त निजी व सरकारी ब्लड बैंक ई-रक्तकोष पोर्टल से जुड़ जाएंगे। इससे कोई भी व्यक्ति घर बैठे अपने मोबाइल या कम्प्यूटर से ब्लड बैंक में ब्लड की उपलब्धता देख सकता है। अब सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में ई-ब्लड बैंक की सुविधा शीघ्र शुरू होने की उम्मीद है। इस दिशा में विभागीय रूप से प्रक्रिया चल रही है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद ई रक्त अधिकोष की शुरूआत हो जाएगी। इससे डोनर और मरीज की बेवजह की दौड़ खत्म जाएगी।
ब्लड बैंक में रक्त देने वाले से लेकर लेने वाले तक के रिकार्ड का रजिस्टर मेंटेन अभी किया जाता है, लेकिन लंबे समय के बाद रक्त देने वाले और लेने के बारे में पूरी जानकारी समय पर नहीं हो पाती है। ई रिक्त अधिकोष की सुविधा शुरू होने से इन परेशानियों से बचा जा सकेगा और समय पर पूरी डिटेल मिल सकती है। अब ब्लड बैंक में इसके लिए डाटा ऑपरेटर की नियुक्ति होगी और इन सारे कार्यों को वे भली भांति निपटाएंगे। इससे अन्य कर्मियों को कार्य करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी और इस तरह का कार्य बेहतर ढंग से हो पाएगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इस सुविधा को शुरू करने में कुछ दिक्कतें हैं जिसे दूर करने के बाद यह शुरू हो जाएगा।
मरीज और डोनर को मिलाने में होगी सुविधा
ई-रक्त कोष मरीज और डोनर को मिलाने का एक तरीका है। मुख्यत: मरीज के तीमारदार खून के लिए इधर-उधर भटकते हैं। एक ब्लड ग्रुप का ब्लड लेने के लिए ब्लडबैंक जाना पड़ता है। ऐसे में किसी एक ब्लड बैंक में खून न होने पर दूसरे ब्लड बैंक जाना पड़ता है। ऐसे में मरीज या तीमारदार वेबसाइट ई-रक्तकोष पर चेक कर सकते हैं कि कहां कौन सा ब्लड ग्रुप उपलब्ध है। ई-रक्त कोष पूरे देश में ब्लड बैंकों के कार्य प्रवाह को जोड़ने, डिजिटलीकरण करने और उन्हें कारगर बनाने के लिए एक पहल है। इसमें एक सुविधा यह भी है कि डोनर खुद को रजिस्टर कर सकता है। डोनर के रजिस्ट्रेशन का फायदा यह है कि ब्लड बैंक को इसके बारे में जानकारी हो सकती है। ऐसे में ब्लड बैंक फोन कर आवश्यकतानुसार डोनर को बुला सकता है। कैंसर मरीज, थैलीसीमिया और हीमोडायलिसिस के रोगियों को खून की नियमित अंतराल में जरूरत पड़ती है।
प्रत्येक दिन मरीजों को सुविधा
सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक से प्रत्येक दिन दस से बारह मरीजों को रक्त की आपूर्ति की जाती है। हालांकि बीच-बीच में रक्त की किल्लत से मरीजों को दिक्कते भी होती हैं मगर इसके बावजूद जरूरतमंद को रक्त आपूर्ति कराने में ब्लड बैंक आगे है। यहां रक्त अधिकोष में रक्त रखने से लेकर रक्त लेने और देने वालों के लिए बेहतर व्यवस्था है, जो कि रोगी को जरूरत की स्थिति में काफी लाभदायक साबित होता है। हर महीने तीन सौ यूनिट रक्त मरीजों को दिया जाता है। थैलीसीमिया के मरीजों को औसतन हर महीने 25 यूनिट रक्त मुफ्त में दिया जाता है। कभी-कभी सदर अस्पताल के मरीजों को बाहर से ब्लड लाकर भी देने का प्रयास किया जाता है।
प्रोफेशनल ब्लड डोनर पर पूरी तरह से अंकुश
खास बात यह है कि प्रोफेशनल ब्लड डोनर पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा, जो किसी रोगी की जरूरत को देखते हुए प्रोफेशनल रूप से रक्त को डोनेट करते हैं। ऐसे में कोई रोगी किसी गलत लोगों के चंगुल में नहीं आ जाएंगे। रोगी गलत लोगों के चक्कर में भी नहीं फंसेंगे। कार्य पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ होगी।
ब्लड डोनर का रहेगा डाटा रिकार्ड
मसलन इसके लिए डाटा ऑपरेटर की नियुक्ति होगी। इसके अलावा इंटरनेट और कम्प्यूटर की सुविधा जरूरी है, ताकि डाटा रिकार्ड किया जा सके। मसलन कोई मरीज रक्त देता है या लेता है तो इसका पोर्टल पर डाटा अपलोड होगा। इसके अपलोड होने से रक्तदान किए व्यक्ति फिर रक्त देता है कि इस सुविधा में सिर्फ उस रक्तदाता के नाम को लोड करने के साथ उसका पूरा रिकार्ड सामने आ जाएगा। रक्तदाता कब रक्तदान किया था और किन रोगी को रक्त दिया गया था।
इस बारे में समस्तीपुर के सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि ई रक्त अधिकोष में नई तरह की सुविधा शीघ्र शुरू होने वाली है। इसके लिए विभागीय रूप से प्रक्रिया चल रही है। राज्य स्तर से इसके लिए डाटा ऑपरेटर सहित अन्य जरूरी सुविधाएं बहाल किए जाने के साथ ई रक्त अधिकोष शुरू हो जाएगा।