बैंक लुटेरों के काम की सफाई से पुलिस वाले भी रह गए दंग, ऐसे दिया घटना को अंजाम Muzaffarpur News
एक मिनट में बैंक लूट कर भाग निकले अपराधी। कुछ न कर पाया गार्ड लुटेरों को घुसता देख भी नहीं हुआ उसे संदेह।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सदर थाना क्षेत्र के गोबरसही स्थित आइसीआइसीआइ बैंक की शाखा में लूट की घटना को जिस तरह से अपराधियों ने अंजाम दिया, उससे पुलिस वाले भी दंग रह गए। छह की संख्या में अपराधी पहुंचते हैं। सीधे कैश काउंटर जाते हैं और वहां रखे आठ लाख रुपये लेते हैं और चले जाते हैं। यूं तो एसएसपी ने उन्हें नौसिखिए करार दिया, लेकिन अपराध को अंजाम देने का उनका अंदाज बिल्कुल ही अलग था। उन्होंने घटना से पहले अच्छी जानकारी जुटा रखी थी। इसके लिए कई दिनों से वे रेकी भी कर रहे थे।
बैंक लुटेरे पूर्व से पूरी साजिश रच पहुंचे थे। घुसते ही क्या करना है और कैसे करना है, यह सबकुछ तय था। घटना को इतने सटीक तरीके से अंजाम दिया कि बाहर के लोगों को भनक तक नहीं लगी। इससे प्रतीत हो रहा कि किसी शातिर गिरोह का काम है। हालांकि जांच के बाद एसएसपी ने बयान दिया कि सभी नौसिखिए अपराधी हैं। बहरहाल अभी जांच चल रही है।
जांच व लुटेरों की गिरफ्तारी के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कौन लुटेरे इसमें शामिल हैं। लेकिन जिस तरीके से सिर्फ एक मिनट के भीतर आठ लाख रुपये लूटकर सभी भाग गए यह किसी नौसिखिए गिरोह का काम नहीं लग रहा है। बहुत ही सफाई और बारीकी से घटना को अंजाम दिया गया है।
बैंक में घुसने के साथ सभी को कब्जे में लेने के बाद हेलमेट पहने एक लुटेरे ने अपने साथियों से कहा - सिर्फ कैश काउंटर से नकदी लो और जल्दी निकलो यहां से ...। एक लुटेरा बार-बार बैंक में चेस्ट रूम की तरफ जाने की कोशिश कर रहा था। जिस पर हेलमेट पहने लुटेरा (सरगना) ने उसे रोका। कहा कि तुम उधर कहां जा रहे हो, इधर आओ। दूसरी चीजों को हाथ नहीं लगाना है। कैश रखो बैग में और निकलो यहां से। भीड़ वाला इलाका है। कभी भी पुलिस आ सकती है।
पतले लंबे कद का सरगना
फुटेज से स्पष्ट हुआ है कि गिरोह का सरगना पतले और लंबे कद था। उसने मटमैले रंग की टी-शर्ट और जींस पैंट पहन रखी थी। वह सभी को इशारे दे रहा था। एक ने लाल रंग की टी-शर्ट पहन रखी थी। अन्य की कदकाठी भी उसी तरह की थी। सभी कम उम्र के ही थे।
बिना नंबर प्लेट की बाइक
बिना नंबर प्लेट की दो बाइकों से छह लुटेरे अंजाम देने आए थे। बाइक को बैंक के बगल में खड़ा किया था। उसके बाद वहां से उतरकर पैदल पहुंचे थे। भागने के दौरान कुछ दूर उसी लेन में आगे जाकर हाइवे पार कर दूसरी तरफ एक होटल के सामने मेन सड़क पर निकला। वहां पर बाइक रोककर लुटेरों ने अपना चेहरा गमछा से कसकर बांधा। एक बाइक पर सवार तीन लुटेरे रामदयालू की तरफ भागे वहीं अन्य भगवानपुर-गोबरसही की तरफ भागे।
गार्ड ने नहीं दिखाई हिम्मत
गार्ड ने लुटेरों को घुसता हुआ देखा। मुंह बांधे हुए हेलमेट लगाए होने के बावजूद उसे जरा भी संदेह नहीं हुआ। गेट के पास आने के बाद भी उसने नहीं सोचा कि ये बैंक लूटने आए हैं। वह मूकदर्शक बनकर बैठा हुआ रह गया। अगर उसने जरा भी हिम्मत दिखाई होती तो लूट होने से बच जाता।
पुलिस ने लगाई थी गार्ड को डांट
दारोगा हरेराम पासवान ने बताया कि वे जब भी बैंक में जांच करने जाते थे तो गार्ड को दूसरी तरफ घूमते हुए देखते थे। पूछने पर कर्मी बताते थे गार्ड उस तरफ है। दारोगा ने उसे सतर्क रहने की कई बार हिदायत भी दी थी और डांट भी लगाई थी। फिर भी गार्ड में सतर्कता नहीं देखी गई।
एक सप्ताह से कर रहे थे रेकी
एक सप्ताह से लुटेरों ने बैंक की रेकी कर रखे थे। इसलिए लुटेरे को पता था कि कैश कहां और इस शाखा में दोपहर के समय कितनी रकम होती है। इसलिए घुसने के साथ ही किसी बैंक कर्मियों की खोजबीन नहीं की। सीधे कैश काउंटर पर पहुंचे और लूटपाट कर भाग निकले।