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सीतामढ़ी में बोले डॉ. रविंद्र नारायण, मां जानकी की भूमि भी अयोध्या की तरह हो विकसित

जानकी जन्मभूमि पुनौराधाम समेत देशभर के सभी मठ-मंदिरों को को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराए केंद्र सरकार पुंडरीक ऋषि क्षेत्र पुंडकेश्वर महादेव मंदिर पंथपाकड़ हलेश्वरस्थान जानकी मंदिर जानकी स्थान को रामजानकी सर्किट से जोड़ने पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष का जोर।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 08 Aug 2021 10:24 PM (IST)Updated: Sun, 08 Aug 2021 10:24 PM (IST)
सीतामढ़ी में प्रेस को संबोधित करते विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मविभूषण डॉ.रविन्द्र नारायण सिंह व अन्‍य। जागरण

सीतामढ़ी, जासं। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्म विभूषण डॉ. रविंद्र नारायण सिंह ने रविवार को यहां कहा कि माता जानकी जन्मभूमि पुनौराधाम जानकी मंदिर भी अयोध्या की तरह विकसित किया जाए। इसके साथ ही देश के सभी मठ-मंदिरों व धार्मिक संस्थाओं को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार कानून बनाए। उन्होंने कहा कि जानकी जन्मभूमि पुनौराधाम जब सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो जाएगी तब स्वतंत्र न्यास का गठन कर वहां अयोध्या की तरह मंदिर को विकसित करने की पहल की जाएगी।

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पुनौराधाम स्थित एक वैवाहिक भवन में आयोजित विहिप के दो दिवसीय प्रदेश कार्य समिति की बैठक के बाद पत्रकारों को संबंधित कर रहे थे। जानकी जन्मभूमि को रामायण सर्किट से जोड़कर विकसित किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष सिंह ने कहा कि सरकारी नियंत्रण से सभी मठ-मंदिरों को मुक्तकर उसकी आमदनी विभिन्न लोक कल्याणकारी उपक्रमों पर खर्च किया जाए। साथ ही वहां के धर्मानुरागियों के सहयोग से स्वतंत्र न्यास गठित कर उसकी पूजा-अर्चना एवं जनोपयोगी कार्यक्रम संचालित किए जाए। सरकारी नियंत्रण से मठ-मंदिरों की मुक्ति के लिए विश्व हिन्दू परिषद व्यापक अभियान चलाएगी। पुंडरीक ऋषि क्षेत्र पुंडकेश्वर महादेव मंदिर, पंथपाकड़, हलेश्वरस्थान, जानकी मंदिर जानकी स्थान को रामजानकी सर्किट में जोड़कर सभी समयक विकास किया जाए। भारत में मंदिर हिंदू समाज के लिए सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक गतिविधियों तथा इसकी चिरंजीवी शक्ति के केंद्र रहे हैं। विडंबना यह है कि देश के अनेक ऐसे समृद्ध मठ-मंदिरों काे सरकार अधिग्रहित कर लेती है और उनकी धन-संपदा को मनमाने ढंग से व्यय करती है। यहां तक कि मंदिरों के धन का उपयोग और हिंदू अनुष्ठानों व हितों को पूरा करने में खर्च किया जाता है।

हिंदू धार्मिक संस्थाओं पर ब्रिटिशकाल से ही नियंत्रण चला आ रहा है। विहिप के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे, क्षेत्र मंत्री विरेंद्र विमल, प्रांत मंत्री राजकिशोर सिंह, प्रांत अध्यक्ष कृष्ण देव झा, प्रांत सह मंत्री अरविंद झा, केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल सदस्य संत भूषण दास, जिला विहिप अध्यक्ष राम विनय कुशवाहा, धर्माचार्य विरेंद्र तिवारी, बजरंग दल प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख अधिवक्ता रंजन कुमार सिंह, बालकृष्ण सिंह, संतोष देशमुख, कृष्णनंदन सानू, दीपक गाड़िया व ईश्वरनारायण सिंह आदि विहिप व बजरंग दल के नेता मौजूद थे।


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