Move to Jagran APP

Valmiki Tiger Reserve : उदयपुर वन क्षेत्र में दर्जनों दुर्लभ पक्षियों का वास, देखें तस्वीरें WestChamparan News

हाल में की गई गणना में 130 प्रजाति के दुर्लभ पक्षियों का पता चला। इनमें भारतीय उप महाद्वीप व प्रवासी पक्षी 33 प्रजातियों का स्थायी निवास।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 08:58 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 08:58 AM (IST)
Valmiki Tiger Reserve : उदयपुर वन क्षेत्र में दर्जनों दुर्लभ पक्षियों का वास, देखें तस्वीरें WestChamparan News
Valmiki Tiger Reserve : उदयपुर वन क्षेत्र में दर्जनों दुर्लभ पक्षियों का वास, देखें तस्वीरें WestChamparan News

पश्चिम चंपारण, [शशि कुमार मिश्र]। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के उदयपुर वन क्षेत्र में दर्जनों प्रजातियों के दुर्लभ पक्षियों की मौजूदगी है। यह बात पक्षियों की गणना में सामने आई है। इनमें अधिकतर पक्षी भारतीय क्षेत्र के तो कई प्रवासी हैं। इनमें कई विलुप्तप्राय श्रेणी में हैं। इन पक्षियों की सुरक्षा और भोजन के लिए विशेष उपाय किए गए हैं।

loksabha election banner

जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, पटना यूनिवर्सिटी के जंतु विज्ञान विभाग और मंदार नेचर क्लब, मुंगेर के विशेषज्ञों ने यहां के पक्षियों की गणना की। इसमें 130 प्रजाति के पक्षियों की मौजूदगी सामने आई। 90 प्रजाति के पक्षी भारतीय उप महाद्वीप के तो अन्य प्रवासी हैं। इनका आगमन मुख्य रूप से शरद ऋतु में होता है। इन दुर्लभ पक्षियों में जंगली बुश कोयल, जंगली मुर्गा, बगुला और विभिन्न तरह के गिद्ध आदि शामिल हैं। 33 प्रजाति के पक्षियों का यहां स्थायी बसेरा है। 

ये हैं प्रमुख पक्षी

जंगली बुश क्वेल, रेड जंगली फाउल (जंगली मुर्गा), इंडियन पीफाउल, कॉटन पिगमी गूस, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, ब्लैक बिटर्न, लिटल इग्रोट, इजिप्शियन वल्चर, व्हाइट रप्चर वल्चर, ग्रीफर वल्चर, रेड हेडेड वल्चर, कॉमन मोरहेन, गे्र हेडेड लापङ्क्षवग, एशियन कोयल, ब्लू टेल्ड बीइटर, इंडियन ग्रे हार्नबिल, ग्रे कैप्ड पीगोनी, वुड पिकर, यलो क्राउन वुड पिकर और हिमालयन गोल्ड ब्लैक सहित अन्य हैं।

अक्सर सरैया मन के इर्द-गिर्द रहता पक्षियों का झुंड

उदयपुर वन आश्रयणी के मध्य में सरैया मन है। इस प्राकृतिक झील के चारों ओर मौजूद जामुन के पेड़ एवं इनसे गिरने वाले उसके फल इस पानी को निर्मल बनाने में मदद करते हैं। इस वजह से मन के इर्द-गिर्द पक्षियों का झुंड देखा जा सकता है।  

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक व क्षेत्र निदेशक एचके राय का कहना है कि उदयपुर को वर्ष 2010 में पूर्ण रूप से वन आश्रयणी घोषित किया गया। अनुकूल परिस्थितियों के कारण यहां दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी हैं। इन पर वन विभाग का ध्यान रहता है। निरंतर मॉनीटरिंग की जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.