मुजफ्फरपुर में सरकारी अस्पतालों में ओपीडी ठप, निराश लौटे मरीज
08 हजार मरीज चिकित्सकों के आंदोलन से बिना परामर्श व इलाज के लौटे। 16 पीएचसी व 82 एपीएचसी में चिकित्सकों ने नहीं किया काम।
By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 12:44 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 12:44 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। आरा में हुए जिलाधिकारी व चिकित्सक विवाद को लेकर जिले के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों ने बुधवार को आउटडोर में मरीज देखने का कार्य ठप कर दिया। वहीं, सदर अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा चालू रही। बिहार हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (भासा) के ओपीडी बहिष्कार का असर एसकेएमसीएच में नहीं रहा। लेकिन, इसमें उनका नैतिक समर्थन रहेगा। यहां ओपीडी में हजारों मरीजों का इलाज हुआ। डीएम पर कार्रवाई होने तक चिकित्सक ने आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया। भासा के सचिव डॉ. सीके दास ने कहा कि गुरुवार को भी ओपीडी ठप रहेगा।
बिना परामर्श व इलाज लौटे मरीज
जिले में सरकारी अस्पतालों में ओपीडी ठप होने से करीब आठ हजार मरीजों को बिना परामर्श व इलाज के लौटना पड़ा। यहां 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। वहां सौ से डेढ़ सौ मरीज प्रतिदिन इलाज और दवा के लिए आते हैं। इसी क्रम में करीब 82 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। वहां भी हर रोज 50 से 60 मरीज आते हैं। वहीं सदर अस्पताल में सात से आठ सौ मरीज प्रतिदिन आते हैं।
डीएम पर कठोर कार्रवाई की मांग
जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में बिहार हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (भासा) की बैठक हुई। इसमें चिकित्सकों ने आरा की घटना की निंदा की। भासा के सचिव डॉ. सीके दास व कोषाध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार ने आरा डीएम के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए उनकी शीघ्र बदली करने तथा मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की है। सुरक्षा की मांग करते हुए जिला स्वास्थ्य समिति से डीएम को अध्यक्ष पद से हटाकर सिविल सर्जन को इसे देने की मांग की गई। अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. शिवचंद्र भगत ने की। मौके पर संघ के संरक्षक डॉ.सुरेश शर्मा, डॉ. दिनेश्वर सिंह, सयुंक्त सचिव डॉ. मनोज कुमार मिश्रा, डॉ. शैलेंद्र कुमार, डॉ. हसीब असगर, डॉ. सतीश कुमार, डॉ. चंदेश्वर प्रसाद, डॉ. राजेश, डॉ. वैदेही, डॉ. ऋचा तुलस्यान, डॉ. पीएन वर्मा, डॉ. नाहिद समेत बड़ी संख्या में भासा के सदस्य मौजूद थे।
ये है मामला
आरा सदर अस्पताल में चिकित्सक टीए अंसारी डीएम की वीडियो कांफ्रेंसिंग में नहीं गए थे। इस पर डीएम ने उन्हें बुलाने के लिए गार्ड को भेजा। आरोप है कि इस दौरान उनके साथ भासा के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार व सचिव डॉ. नरेश सिंह से मारपीट की गई। इसके बाद चिकित्सकों ने मंगलवार की रात 12 बजे से हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया।
बिना परामर्श व इलाज लौटे मरीज
जिले में सरकारी अस्पतालों में ओपीडी ठप होने से करीब आठ हजार मरीजों को बिना परामर्श व इलाज के लौटना पड़ा। यहां 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। वहां सौ से डेढ़ सौ मरीज प्रतिदिन इलाज और दवा के लिए आते हैं। इसी क्रम में करीब 82 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। वहां भी हर रोज 50 से 60 मरीज आते हैं। वहीं सदर अस्पताल में सात से आठ सौ मरीज प्रतिदिन आते हैं।
डीएम पर कठोर कार्रवाई की मांग
जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में बिहार हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (भासा) की बैठक हुई। इसमें चिकित्सकों ने आरा की घटना की निंदा की। भासा के सचिव डॉ. सीके दास व कोषाध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार ने आरा डीएम के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए उनकी शीघ्र बदली करने तथा मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की है। सुरक्षा की मांग करते हुए जिला स्वास्थ्य समिति से डीएम को अध्यक्ष पद से हटाकर सिविल सर्जन को इसे देने की मांग की गई। अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. शिवचंद्र भगत ने की। मौके पर संघ के संरक्षक डॉ.सुरेश शर्मा, डॉ. दिनेश्वर सिंह, सयुंक्त सचिव डॉ. मनोज कुमार मिश्रा, डॉ. शैलेंद्र कुमार, डॉ. हसीब असगर, डॉ. सतीश कुमार, डॉ. चंदेश्वर प्रसाद, डॉ. राजेश, डॉ. वैदेही, डॉ. ऋचा तुलस्यान, डॉ. पीएन वर्मा, डॉ. नाहिद समेत बड़ी संख्या में भासा के सदस्य मौजूद थे।
ये है मामला
आरा सदर अस्पताल में चिकित्सक टीए अंसारी डीएम की वीडियो कांफ्रेंसिंग में नहीं गए थे। इस पर डीएम ने उन्हें बुलाने के लिए गार्ड को भेजा। आरोप है कि इस दौरान उनके साथ भासा के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार व सचिव डॉ. नरेश सिंह से मारपीट की गई। इसके बाद चिकित्सकों ने मंगलवार की रात 12 बजे से हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया।
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